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अर्थव्यवस्था पर यशवंत सिन्हा के बयान के बाद अब जेटली-सिन्हा आये आमने-सामने


पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा और वित्त मंत्री अरुण जेटली देश की मौजूदा इकोनॉमी पर आमने-सामने आ गए हैं। सिन्हा ने एक आर्टिकल में मोदी सरकार की पॉलिसीज और अरुण जेटली के फैसलों पर सवाल उठाए थे। इसके जवाब में जेटली ने गुरुवार को इशारों में कहा था- "किसी को 80 साल की उम्र में नौकरी की तलाश है। सिन्हा ने इसके जवाब में कहा- "अगर मैं नौकरी चाहता तो वे (जेटली) इस जगह ना होते। बेटे जयंत सिन्हा के लेख पर उन्होंने कहा कि यह मुद्दे को भटकाने की कोशिश है। और क्या कहा यशवंत सिन्हा ने ...

- यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा- "अगर देश की इकोनॉमी खराब है तो इसका जिम्मेदार वित्त मंत्री ही होगा ना कि गृह मंत्री। मैं भी व्यक्तिगत आरोप लगा सकता हूं, लेकिन मैं इस जाल में फसूंगा नहीं। राष्ट्रहित से बड़ा कोई हित नहीं। अगर मेरे सवालों से बेटे का करियर खराब होता हो तो हो जाए।"

विवाद कब शुरू हुआ?कैसे इकोनॉमी की डिबेट पर्सनल हो गई?

- यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस में मोदी सरकार की पॉलिसीज और मौजूदा इकोनॉमी पर बुधवार को एक आर्टिकल में लिखा था। इसमें उन्होंने कहा- " इकोनॉमी की हालत खराब है। पिछले दो दशक में प्राइवेट क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट सबसे कम रहा है। जीएसटी को गलत तरीके से लागू किया गया। इससे लाखों लोग बेरोजगार हो गए। इकोनॉमी में तो पहले से ही गिरावट आ रही थी, नोटबंदी ने तो सिर्फ आग में घी का काम किया।"

- "नोटबंदी सबसे बड़ा इकोनॉमिक डिजास्टर साबित हुई। जीएसटी को गलत तरीके से लागू किया गया। इसका बिजनेस पर काफी बुरा असर पड़ा। लाखों लोग बेरोजगार हो गए। बाजार में नौकरियों के नए मौके नहीं हैं।"

जेटली ने किया पलटवार, कहा-किसी को 80 साल की उम्र में नौकरी की तलाश है

- एक दिन बाद गुरुवार को दिल्ली में अरुण जेटली ने कहा था कि आज ऐसे समय जब भारत 70 साल पूरे कर रहा है और मोदी सरकार के साढ़े तीन साल पूरे हो रहे हैं। कोई अस्सी की उम्र में पोस्ट की तलाश में है। वो अब अपना रिकॉर्ड चैक कर लें। हालांकि, जेटली ने साफ तौर पर सिन्हा का नाम नहीं लिया।

5 फैक्ट्सदेकर जेटली को दिया जवाब, कहा- नौकरी मांगने वाला आदमी नौकरी नहीं छोड़ता

1.यशवंत सिन्हा ने एएनआई से बातचीत में कहा- "जेटली साहब मेरी पृष्ठभूमि को भूल गए हैं। 1984 में मेरी आईएएस की नौकरी के 12 साल बाकी थे। मैंने उस नौकरी को छोड़ा था। मैं रिटायर्ड होकर पॉलिटिक्स में नहीं आया था। नौकरी मांगने वाला आदमी नौकरी छोड़ता नहीं है।"

2. "वो इस बात को भी भूल गए कि उसके फौरन बाद जब वीपी सिंह की सरकार बनी तो मैं राष्ट्रपति भवन से वापस लौट आया। मुझे लगा कि मेरे साथ इंसाफ नहीं हो रहा। राज्य मंत्री बन रहा था। जब तक वीपी सिंह की सरकार थी तब तक मैं राज्य मंत्री नहीं। पहली बार मंत्री तब बना जब चंद्रशेखरजी की सरकार थी।

3. " राज्यमंत्री जेटलीजी के लिए इतनी बड़ी बात थी कि वे बिना सांसद चुने मंत्री गए। मेरा कहने का मतलब है कि मैंने उस राज्य मंत्री के पद को 1989 में ठुकरा दिया था। ये इतिहास की बाते हैं।"

4. "जो संत और फकीर हो गया। आज उस व्यक्ति के बारे में कहना कि मैं नौकरी खोज रहा हूं। इससे और हास्यास्पद आरोप मेरे ऊपर नहीं लग सकता था।"

5. "एक और बात मैं कहना चाहूंगा कि 2014 में मैंने खुद यह तय कि मैं लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगा। मेरी जीत तय है। फिर भी मैं इससे अलग हो गया। तो आज के दिन यह कहना कि मैं जॉब खोज रहा हूं।
कहां तक ठीक है।"

जेटली ने कहा था, यशवंत सिन्हा सबसे खराब मंत्री थे, इसलिए बाजपेयीजी ने हटा दिया
- यशवंत सिन्हा ने कहा- "ये गलत है। बाजपेयी ने मुझसे एक मंत्रालय लेकर दूसरा मंत्रालय दिया था। उन्होंने मुझसे यह नहीं कहा था कि आप सरकार छोड़कर अलग हो जाइए। मुझे विदेश मंत्रालय दिया गया था। जो लोग आज ये आरोप लगा रहे हैं कि मैं बेकार था, तो उस बेकार मंत्री को इतनी बढ़ी जिम्मेदारी क्यों दी गई। जब मैं विदेश मंत्री बना तब भारत-पाकिस्तान की फौज आमने-सामने थीं। उस परिस्थिति मैं में विदेश मंत्री बना। तो क्या मैं बेकार था।

जेटली ने और क्या कहा था?
- जेटली ने कहा- "यूपीए-2 के दौरान नीतियों का क्या हाल था? क्या हम भूल गए? 15 फीसदी एनपीए था 1998 से 2002 के दौरान। क्या हम ये भी भूल जाएं कि 1991 में हमारे पास सिर्फ 4 बिलियन डॉलर फॉरेन रिजर्व बचा था। जेटली जिस वक्त का जिक्र कर रहे थे, उस दौरान सिन्हा फाइनेंस मिनिस्टर थे।"

- फाइनेंस मिनिस्टर जेटली ने एक बार फिर सिन्हा का नाम लिए बगैर कहा - जिस किताब को अभी लॉन्च किया गया है उसका टाईटल India @70, Modi @3.5 and a job applicant @ 80 होना चाहिए था। दअसल, जिस किताब को जेटली ने लॉन्च किया उसका टाईटल India @70 Modi @3.5 है।

यशवंत को बेटे जयंत ने दिया था जवाब, कहा - जीएसटी और नोटबंदी गेम चेंजर
- केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने गुरुवार को एक आर्टिकल में मोदी सरकार की नीतियों को बचाव किया था। उन्होंने लिखा- "जीएसटी, नोटबंदी और डिजिटल पेमेंट जैसी पॉलिसीज इकोनॉमी के लिए गेम चेंजर साबित हुई हैं। बीते एक या दो क्वार्टर में जो जीडीपी ग्रोथ दिखाई गई है, वो आने वाले दिनों में पड़ने वाले असर को ठीक से नहीं दिखाती। स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स न्यू इंडिया के लिए जरूरी हैं। इससे करोड़ों लोगों को नौकरियां मिलेंगी। नई इकोनॉमी ज्यादा ट्रांसपेरेंट, इनोवेटिव और दुनिया की कीमतों से टक्कर लेने वाली होगी। नई इकोनॉमी में हर शख्स को अपनी जिंदगी बेहतर बनाने का मौका मिलेगा।"

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