सभी विभागों के कार्यों में हो वांछित सुधार परख वीसी में मुख्य सचिव ने दिये निर्देश
उज्जैन @ गत दिनों प्रदेश के राजस्व विभाग के कार्यों की सतत समीक्षा उपरान्त विभाग के कार्यों में सभी जिलों में काफी सुधार देखा गया है। उज्जैन संभाग के जिलों में विशेष सुधार परिलक्षित हुआ है। संभागायुक्त एवं कलेक्टर अन्य सभी विभागों के कार्यों में भी वांछित सुधार एवं प्रगति लायें। जनसमस्याओं का त्वरित निराकरण हो। योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को समय पर मिले।
प्रदेश के मुख्य सचिव श्री बीपी सिंह ने आज गुरूवार को परख वीसी में ये निर्देश दिये। उज्जैन जिला मुख्यालय पर वीसी एनआईसी कक्ष में सम्पन्न हुई, जिसमें कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर सहित सभी सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।
शिक्षकों को अन्य कार्यों में न लगायें
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा अन्य कार्यों में नहीं लगायें। यदि उन्हें स्वच्छता अभियान में लगाया जाता है तो केवल उनके विद्यालय या गांव में ही लगाया जाये।
जनशिकायत निवारण हुआ एकीकृत
प्रदेश में जनशिकायतों के निवारण को त्वरित एवं प्रभावी बनाने के लिये अब इसे एकीकृत कर सीएम हेल्पलाइन 181 से जोड़ा जा रहा है। अब इसके साथ समाधान पोर्टल, जनसुनवाई, मुख्यमंत्री को सीधे प्राप्त शिकायतें, मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को प्राप्त शिकायतों को भी जोड़ा गया है। निर्देश दिये गये हैं कि शिकायतकर्ता के मोबाइल नम्बर को आवश्यक रूप से दर्ज करें। सुझाव एवं मांगों को शिकायतों के साथ दर्ज नहीं किया जाये।
पेयजल व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि सभी जिलों में पेयजल व्यवस्था पर कलेक्टर विशेष ध्यान दें। सभी जिलों में प्रस्तावित नल जल योजनाओं का कार्य शीघ्र करवाया जाये। उपलब्ध सभी जलस्त्रोतों से पेयजल प्रदान किया जाये। आवश्यकता अनुसार पेयजल के लिये कलेक्टर परिरक्षण आदेश जारी करें। जहां आवश्यकता हो, पेयजल परिवहन किया जाये।
आनन्दम का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे
आनन्दम विभाग की समीक्षा में बताया गया कि शासन ने एक योजना बनाई है, जिसके अन्तर्गत कोई भी शासकीय सेवक देश के तीन संस्थानों में जाकर आनन्दम का प्रशिक्षण ले सकेगा। ये संस्थाएं हैं- आर्ट ऑफ लिविंग बैंगलोर, आईसी सेन्टर फॉर गवर्नेंस पंचगनी तथा ईशा योग केन्द्र कोयम्बटूर। इनके लिये शासकीय सेवक ऑनलाइन पंजीयन करा सकेगा। बीस हजार रूपये तक की फीस की प्रतिपूर्ति राज्य शासन करेगा।