संभागायुक्त ने दिसम्बर तक कार्यों को पूर्ण करने के दिये निर्देश
उज्जैन @ वर्ष 2016-17 एवं उसके पहले के विभिन्न विभागों के स्वीकृत निर्माण कार्य अपूर्ण एवं अप्रारम्भ होना ठीक नहीं है। इसके लिए जो अधिकारी जिम्मेदार है, न केवल उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाए, अपितु सम्बन्धित निर्माण एजेन्सी से नियमानुसार वसूली की कार्रवाई भी की जाए। ऐसे सभी कार्यों को पूर्ण करने के लिए संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने दिसम्बर-2017 की डैडलाइन (समय-सीमा) तय करते हुए उन्हें गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए।
संभागायुक्त श्री ओझा आज मंगलवार को बृहस्पति भवन में संभागीय अधिकारियों की साप्ताहिक बैठक ले रहे थे। बैठक में अपर आयुक्त डॉ.अशोक भार्गव, संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर, सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप जीआर, सीईओ यूडीए श्री अभिषेक दुबे तथा सभी संभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
सर्व शिक्षा अभियान के 116 कार्य अपूर्ण
बैठक में सर्व शिक्षा अभियान के गत वर्ष के अपूर्ण कार्यों की जानकारी देते हुए प्रभारी संयुक्त संचालक शिक्षा ने बताया कि उज्जैन जिले में ऐसे 116 कार्य हैं तथा 09 कार्य ऐसे हैं, जो स्वीकृति उपरान्त अप्रारम्भ हैं। उज्जैन संभाग में कुल 787 कार्य अपूर्ण हैं तथा 191 कार्य स्वीकृति उपरान्त अप्रारम्भ हैं। रतलाम जिले की स्थिति सबसे खराब है, जहां 359 कार्य अपूर्ण तथा 166 कार्य स्वीकृति उपरान्त अप्रारम्भ हैं। संभागायुक्त द्वारा सम्बन्धित कलेक्टर्स एवं सीईओ जिला पंचायत से समन्वय कर कार्यों को पूर्ण कराने के निर्देश शिक्षा विभाग को दिए।
हर विभाग देगा विभागीय प्रजेंटेशन
संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि साप्ताहिक संभागीय बैठक में हर बार एक विभाग अपनी विभागीय योजनाओं तथा उनके क्रियान्वयन की जानकारी पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से देगा। यह भी बताएगा कि शासकीय लक्ष्य अनुसार कार्यों के सम्पादन में क्या-क्या बाधाएं आ रही हैं, जिससे उन्हें दूर किए जाकर लक्ष्यों की पूर्ति की जाए। बैठक में सर्व शिक्षा अभियान द्वारा अपने कार्यों का प्रजेंटेशन दिया गया।
यह अनुशासनहीनता है
बैठक में जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री की अनुपस्थिति पर संभागायुक्त द्वारा नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह अनुशासनहीनता है। उन्होंने दूरभाष पर सम्बन्धित अधिकारी को सख्त हिदायत दी। बाद में उक्त अधिकारी बैठक में उपस्थित हुए। संभागायुक्त ने कहा कि बैठक में सभी संभागीय अधिकारी आवश्यक रूप से आएं। यदि महत्वपूर्ण कार्य से वे नहीं आ पा रहे हैं तो उनसे अनुमति लें तथा अपने प्रतिनिधि को बैठक में भिजवाएं।