मोदी जी ने म्यांमार ने किये काली मंदिर, पैगोड़ा के दर्शन, बहादुरशाह जफर की मजार पर दी श्रद्धांजली, हुए स्वदेश रवाना
यंगून.नरेंद्र मोदी का तीन दिवसीय म्यांमार दौरा खत्म हो गया। गुरुवार को उन्होंने यहां 2500 साल पुराने श्वेदागॉन पैगोडा का दर्शन किया। वे बहादुर शाह जफर की मजार पर भी गए। इससे पहले, मोदी ने काली बाड़ी मंदिर में पूजा की। फिर आंग सान म्यूजियम गए। म्यूजियम में मोदी के साथ स्टेट काउंसलर आंग सान सू की भी थीं। बुधवार को मोदी बागान गए थे, जहां उन्होंने आनंद मंदिर का दौरा किया था। बाद में मोदी ने यंगून में भारतीय कम्युनिटी के लोगों को संबोधित किया था।
- बहादुर शाह जफर की मौत यंगून में ही हुई थी। मोदी ने बहादुर शाह की मजार पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। म्यांमार में ही 1857 के विद्रोह के अगुआ और आखिरी मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर को कैद कर रखा गया था और उन्हें यहीं दफनाया भी गया। अंग्रेजों ने गुलाम भारत के कई स्वतंत्रता सेनानियों को यंगून (पुराना नाम रंगून) और मांडले की जेलों में कैद किया था।
- मोदी से पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह और कांग्रेस लीडर सलमान खुर्शीद भी बहादुर शाह जफर की मजार पर जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित कर चुके हैं।
पैगोडा कैम्पस में बोधि पौधा भी लगाया
- श्वेदागॉन पैगोडा को म्यांमार की सांस्कृतिक विरासत का शिखर कहा जाता है। मोदी ने पैगोडा के परिसर में एक बोधि पौधा भी लगाया। पैगोडा में भगवान बुद्ध के बाल और अन्य पवित्र अवशेष सुरक्षित रखे गए हैं। पैगोडा यंगून में रॉयल लेक के वेस्ट में स्थित है। पैगोडा की शुरुआत में लंबाई 8.2 मीटर थी, लेकिन आज ये 110 मीटर लंबा है। इसमें सोने की 100 प्लेट्स लगी हैं। स्तूप के शिखर पर 4,531 लगे हैं, इनमें सबसे बड़ा हीरा 72 कैरेट का है।
हमारी सीमाएं ही नहीं, भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं
- बुधवार को भारतीय कम्युनिटी को एड्रेस करते हुए मोदी ने कहा था, "इस जगह का भारत से पुराना नाता भी है। मोदी ने कहा, "हमारी सीमाएं ही नहीं, भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं। मोदी ने कहा- हम देश के लिए बड़े और कड़े फैसले लेते हैं। हमारे लिए दल से बड़ा देश है।"
दोनों देशों के बीच 11 करार
- बुधवार को मोदी ने ने स्टेट काउंसर आंग सान सू की से पहली बाइलेट्रल बातचीत की।
- दोनों देशों ने मैरिटाइम सिक्युरिटी और रिश्तों को मजबूत करने के लिए 11 समझौतों पर साइन किए।
- भारत और म्यांमार के बीच डेमोक्रेटिक इंस्टीटयूट्शन को और मजबूत करना, इलेक्शन कमीशन एंड यूनियन इलेक्शन ऑफ म्यांमार, नेशनल लेवल इलेक्टोरल कमीशन ऑफ म्यांमार के मुद्दे पर हुए।
- 2017 से 2020 के बीच कल्चर एक्सचेंज प्रोग्राम, म्यांमार प्रेस काउंसिल एंड प्रेस कॉउंसिल ऑफ इंडिया के बीच सहयोग, आईटी स्किल को बढ़ावा देने के लिए भारत और म्यांमार सेंटर स्थापित करने के लिए एग्रीमेंट और हेल्थ एंड मेडिसिन शामिल हैं।
- दोनों देशों ने यामेंथिन में वुमंस पुलिस को ट्रेनिंग सेंटर को अपग्रेड करने पर भी करार किया।
भारत-चीन के लिए अहम है म्यांमार
- म्यांमार को भारत के लिए साउथ-ईस्ट एशिया का एंट्री गेट माना जाता है।
- चीन के लिए भी यह रणनीतिक अहमियत रखता है, ऐसे में भारत ही नहीं, बल्कि चीन भी यहां अपना दायरा बढ़ाने में जुटा हुआ है। म्यांमार चीन के वन बेल्ट-वन रोड (OBOR) प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा है। लिहाजा भारत-चीन दोनों चाहेंगे कि म्यांमार उनके साथ खड़ा हो।