BRICS SUMMIT के बाद दो दिनी म्यांमार के दौरे पर निकले पीएम मोदी
चीन के शियामेन में मंगलवार को ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के बाद नरेंद्र मोदी 2 दिन के दौरे पर म्यांमार पहुंचे। मोदी की म्यांमार की ये पहली बाइलेट्रल विजिट है। इस दौरे का मकसद आतंकवाद से मुकाबले और सिक्युरिटी के मसले पर दोनों देशों के बीच रोडमैप तैयार करना है। बता दें कि भारत म्यांमार के साथ स्ट्रैटजिक और इंडस्ट्रियल रिश्ते मजबूत करने में जुटा है, क्योंकि भारत के लिए साउथ-ईस्ट एशियाई देशों में जाने के लिए म्यांमार एक 'गेटवे' जैसा है। मोदी ने किया ट्वीट..
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- मोदी ने एक ट्वीट किया है। इसमें कहा है, "ब्रिक्स समिट में गर्मजोशी भरी मेहमाननवाजी के लिए चीन सरकार और वहां के लोगों का शुक्रिया। म्यांमार की बाइलेट्रल विजिट के लिए निकल रहा हूं।"
- मोदी म्यांमार में वहां के प्रेसिडेंट हतिन क्यॉ और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से मुलाकात करेंगे। प्रेसिडेंट हतिन क्यॉ मोदी का वेलकम करेंगे। बुधवार को मोदी सू की से कई अहम मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
मोदी को उम्मीद- इस दौरे से रिश्ते मजबूत होंगे
- मोदी ने कहा था कि भारत और म्यांमार सिक्युरिटी, आतंकवाद से मुकाबले, ट्रेड, इन्वेस्टमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और कल्चर के क्षेत्र में अपने रिश्ते और आपसी सहयोग को मजबूत करेंगे। मोदी ने उम्मीद जताई कि उनके म्यांमार दौरे से दोनों देशों के करीबी सहयोग पर एक रोडमैप तैयार होगा जिससे रिश्ते को मजबूत करने में मदद मिलेगी। मोदी ने ये भी कहा कि दोनों देश बाइलेट्रल करारों में हुई प्रगति को रिव्यू भी करेंगे।
हेरिटेज सिटी बगान भी जाएंगे मोदी
- मोदी ने कहा कि वे मशहूर हेरिटेज सिटी बगान के दौरे को लेकर उत्साहित हैं, जहां आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने अनंदा मंदिर के रिनोवेशन का शानदार काम किया है। एएसआई पैगोडा और म्यूरल्स (भित्ति चित्रों) की मरम्मत भी करेगा, जिन्हें पिछले साल आए भूकम्प में काफी नुकसान पहुंचा था।
मोदी 2014 में भी म्यांमार गए थे
- मोदी इससे पहले 2014 में ASEAN- इंडिया समिट में हिस्सा लेने के लिए म्यांमार गए थे। म्यांमार के प्रेसिडेंट और सू की ने पिछले साल भारत का दौरा किया था।
- भारत-म्यांमार का बॉर्डर 1640 km लंबा है, जो नगालैंड और मणिपुर से लगता है। ये दोनों राज्य उग्रवाद से बुरी तरह प्रभावित हैं।
बॉर्डर से सटे इलाके में उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन
- मोदी के म्यांमार के दौरे से ठीक पहले बॉर्डर से सटे इलाकों में उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया गया। अरुणाचल प्रदेश में भारत-म्यांमार बॉर्डर पर इंडियन आर्मी ने लॉन्ग्ाडिंग जिले में एनएससीएन (के) उग्रवादियों के कैम्प पर हमला किया। सोमवार सुबह हुए एनकाउंटर में जवानों ने एक उग्रवादी को ढेर कर दिया। उसके पास से एके-56 राइफल, रेडियो सेट और गोला-बारूद मिला। इस ऑपरेशन में आर्मी के पैरा कमांडो भी शामिल थे। आर्मी ने इसे सर्जिकल स्ट्राइक मानने से इनकार किया है।
2 साल पहले हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक
- उग्रवादियों ने जून 2015 में मणिपुर के चंदेल जिले में बीएसएफ के काफिले को निशाना बनाया था। इस हमले में 28 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद इंडियन आर्मी ने पहली बार दूसरे देश (म्यांमार) की सीमा में जाकर करीब 100 उग्रवादियों को मार गिराया था और उनके कई कैम्प तबाह कर दिए थे।
- म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक के लिए आर्मी ने पांच दिन तक तैयारी की थी। इसके बाद पैरा कमांडो ने बॉर्डर क्रॉस कर उग्रवादियों के दो कैम्प तबाह कर दिए। बताया जाता है कि करीब 25-30 कमांडो हेलिकॉप्टर से म्यांमार के जंगल में उतारे गए थे।