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पीएम नरेंद्र मोदी जाएंगे चीन, समिट में लेंगे हिस्सा


हम अलग ही मिट्टी के बने हैंनरेंद्र मोदी अगले महीने चीन के दौरे पर जाएंगे। वे चीन के शियामेन में 3 से 5 सितंबर के बीच होने वाली BRICS समिट में हिस्सा लेंगे। मोदी का यह दौरा ऐसे समय होगा, जब 72 दिन चला डोकलाम विवाद सुलझ गया है। भारत इस विवादित इलाके से अपने जवान हटा रहा है, वहीं चीन ने रोड प्रोजेक्ट से जुड़े कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट्स हटा लिए हैं। यह विवाद सुलझने के बाद सोमवार को संकेत मिले थे कि मोदी चीन दौरे पर जाएंगे। मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने इस दौरे की पुष्टि की। क्या है ब्रिक्स...

- BRICS (ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना, साउथ अफ्रीका) देशों का एक ग्रुप है। यह 2011 में बना था। इसमें दुनिया की 43 प्रतिशत आबादी का रिप्रेजेंटेशन है। इनकी कुल जीडीपी दुनिया की जीडीपी का 23.1 प्रतिशत है। भारत इस समिट की दो बार मेजबानी कर चुका है।
- इस ग्रुप को बनाने का मकसद अपने इकोनॉमिक और पॉलिटिकल दबदबे से वेस्टर्न कंट्रीज के रुतबे को चुनौती देना है।

- ब्रिक्स ने वॉशिंगटन में मौजूद इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और वर्ल्ड बैंक के मुकाबले अपना खुद का बैंक बनाया है।

पहले ब्रिक था, 2010 में ब्रिक्स बना
- ब्रिक्स के बारे में सबसे पहले इनवेस्ट बैंक गोल्डमैन सैक के चेयरमैन जिम ओ नील ने 2001 में सोचा था।

- 2009 में ग्रुप बना, तब इसमें ब्राजील, रूस, भारत और चीन थे। 2010 में इसमें साउथ अफ्रीका शामिल हुआ। इसके बाद ग्रुप का नाम ब्रिक्स हो गया।
- बीते 15 साल में दुनिया भर के जीडीपी में इनकी हिस्सेदारी तीन गुना बढ़ी है। इन देशों की साझा जीडीपी 1434.58 लाख करोड़ रुपए है।

10 साल में 163 प्रतिशत बढ़ा बिजनेस
- 2006 में इन पांचों देशों के बीच 6.20 लाख करोड़ का कारोबार होता था। यह 2015 में बढ़कर 16.27 लाख करोड़ पहुंच गया। यानी 10 साल में 163 प्रतिशत आपसी कारोबार बढ़ा।

- इनमें भी सबसे ज्यादा इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट ब्राजील का बढ़ा। ब्राजील का इम्पोर्ट 73.30 हजार करोड़ से 2.52 लाख करोड़ यानी 249 प्रतिशत बढ़ा। एक्सपोर्ट 95 हजार करोड़ से 2.87 लाख करोड़ (202 प्रतिशत) बढ़ गया।

क्या है डोकलाम विवाद?
- डोकलाम में विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने वहां चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का दावा है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है।

- इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है। हमें चुनौतियों को चुनौती देते हैं

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