आरोप तय होने के बाबा राम रहीम के समर्थक हुए हिंसक, कर रहे आगजनी और तोड़फोड़
चंडीगढ़। साध्वी यौन शोषण मामले में सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को दोषी करार दिया है। उन्हें दोषी करार देते ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। कोर्ट ने उन पर सभी आरोपों को सही मानते हुए यह फैसला सुनाया है। इसके बाद सजा का ऐलान सोमवार को किया जाएगा।
बाबा राम रहीम पर फैसला आते ही उनके अनुयायी उग्र हो गए हैं और एक न्यूज चैनल की ओबी वैन को आग के हवाले कर दिया गया है। लोगों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं और सुरक्षाबलों की टुकड़ियां रवाना हो चुकी हैं। वहीं पंजाब के दो रेलवे स्टेशनों को आग के हवाले कर दिया गया है।
भीड़ ने सेक्टर 4 और 5 के इलाके में पथराव शुरू कर दिया है और इसके चलते पुलिस और सुरक्षाबलों को पीछे हटना पड़ा है। इस हिंसा और पथराव में कई न्यूज चैनल्स के पत्रकार और कैमरामैन्स के घायल होने की खबरें आ रहीं हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फैसला आने के बाद बाबा राम रहीम की आंखे नम थी। फैसले के बाद कोर्ट परिसर में पश्चिमि कमांड की टुकड़ी पहुंच गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार यहां से बाबा राम रहीम को सेना की ही निगरानी में रखा जाएगा। जानकारी के अनुसार पश्चिमि कमांड में एक अस्थायी जेल में रात तक रखा जाएगा जहां से उन्हें अंबाला जेल में शिफ्ट किया जाएगा।
फिलहाल राम रहीम को सेना ने अपनी हिरासत में लिया हुआ है और खबर है कि उनका मेडिकल टेस्ट करवाया जा सकता है। इस बाती उम्मीद भी जताई जा रही है कि सजा के ऐलान के दिन उन्हें कोर्ट लाने की बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही सजा सुना दी जाए।
जानकारी के अनुसार जिमखाना ग्राउंड को खाली करवाने के लिए कार्रवाई शुरू हो गई है और भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं।
इससे पहले जब फैसला सुनाया जा रहा था तब उनके अलावा कोर्ट रूम में 7 लोग मौजूद थे। 800 गाड़ियों के अपने काफिले में पंचकूला के लिए निकले डेरा प्रमुख के काफिले से गाड़ियों की संख्या घट गई और कुछ ही गाड़िया परिसर तक पहुंच पाईं।
इससे पहले पंचकूला व आसपास के क्षेत्र में भारी तादाद में डेरा प्रेमियों के आने और कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक बताते हुए दायर जनहित याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पुलिस, अर्द्धसैनिक बलों व सेना को कार्रवाई की खुली छूट दे दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि किसी भी हाल में कानून व्यवस्था की हालत खराब नहीं होनी चाहिए। इस दौरान केंद्र ने हाई कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 35 पैरामिलिट्री फोर्स की टुकड़ियां भेज दी हैं। पांच अन्य टुकड़ियां भी जल्द पहुंच जाएंगी।
साथ ही हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में कोई राजनीति नहीं चाहता। हाई कोर्ट ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति या नेता भड़काऊ बातें करता है तो उसके खिलाफ तत्काल एफआईआर की जाए।
इससे पहले कोर्ट के लिए निकले डेरा प्रमुख के काफिले की तीन गाड़ियां नरवाना के नजदीक आपस में टकरा गईं। इस घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
वहीं डेरा प्रमुख के काफिले के सामने लोग सड़क पर सो रहे हैं। जहां से भी उनका काफिला गुजर रहा है वहां उनके अनुयायी रोते-रोते बेहोश हो रहे हैं।
आईबी ने फैसले से पहले अलर्ट जारी किया है वहीं 200 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। 2.30 बजे आने फैसले से पहले प्रशासन दोपहर 12 बजे फ्लैग मार्च निकालेगा। स्थिति को देखते हुए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं। इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद हैं और हर जगह पुलिस तैनात है।
स्पेशल फोर्सेस के 15 हजार जवानों को लगाया गया है। इसके अलावा सेना को रिजर्व में रखा गया है। सेना ने डेरा समर्थकों को खदेड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अनुयायियों को पंचकूला शहर खाली करने को कहा गया है। वहीं डेरा प्रमुख ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए समर्थकों से अपील की है कि वो शांति बनाए रखें और अपने-अपने घरों को लौट जाएं।
हरियाणा के सिरसा में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। पंचकूला और सिरसा में सेना बुला ली गई है। यहां डेरा समर्थक भी भारी तादाद में पहुंचे हुए हैं। पंजाब और हरियाणा में शुक्रवार को स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। साथ ही चंडीगढ़ में सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे।
पंजाब सरकार ने हरियाणा के अलावा राजस्थान की सीमा भी सील करने के आदेश दिए हैं। केंद्र ने हालात से निपटने के लिए पंजाब को अर्द्धसैनिक बलों की 10 और कंपनियां दी हैं। हरियाणा में अर्द्धसैनिक बलों की 50 से अधिक कंपनियों ने मोर्चा संभाल लिया है। उत्तर रेलवे ने हरियाणा जाने वाली ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही कई टे्रनें निरस्त करने का फैसला किया है। गुरुवार को भी कई ट्रेनें नहीं चलाई गईं। शुक्रवार व शनिवार को भी अधिकांश ट्रेनें नहीं चलेंगी।
गुमनाम पत्र में लगाए गए थे संगीन आरोप
गुमनाम पत्र के माध्यम से एक साध्वी ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम पर यौन शोषण सहित कई अन्य संगीन आरोप लगाए थे। यह पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखा गया था। साथ ही इसकी प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भेजी गई थी। पत्र में आरोप लगाए गए थे कि पीड़िता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है।
आरोप लगाया गया कि साध्वियों का शोषण किया जा रहा है। अपनी आपबीती भी बताई गई थी, जिसमें डेरामुखी गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। घटना 1999 की है और पत्र 2001 में लिखा गया। प्राथमिकी 2002 में दर्ज की गई। तब उच्च न्यायालय ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सितंबर 2002 को मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने जांच में उक्त तथ्यों को सही पाया और डेरा प्रमुख के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष 31 जुलाई 2007 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।