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बाबा रामदेव पर लिखी किताब पर कोर्ट ने लगाई रोक


दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने योग गुरु बाबा रामदेव पर लिखी गई एक किताब पर अंतरिम रोक लगा दी है। किताब का नाम ‘गॉडमैन टू टाइकून: दि अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बाबा रामदेव’ है। दरअसल बाबा रामदेव ने ही खुद पर लिखी किताब पर रोक लगवाने के लिए अदालत में गुहार लगाई थी। जिसपर सिटी जज निपुन अवस्थी ने पब्लिशर को बिना नोटिस दिए किताब पर रोक लगा दी। वहीं पब्लिशर का कहना है कि उन्हें कोर्ट का आदेश दस अगस्त (2017) को मिला है। वह इस आदेश के खिलाफ जल्द ही अदालत में अपील करेंगे। गौरतलब है कि बाबा रामदेव की जीवनी पर लिखी गई इस किताब को मुंबई की पत्रकार प्रियंका पाठक नारायण ने लिखा है। किताब पर रोक लगाए जाने पर पत्रकार प्रियंका ने कहा कि उन्हें कोर्ट के आदेश पर यकीन नहीं हो रहा। हमें किताब पर इस तरह की रोक लगाए जाने की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी। बाबा रामदेव पर पहले भी कई किताबें लिखी जा चुकी हैं। लेकिन उन किताबों पर कभी इस तरह की रोक नहीं लगाई गई।

प्रियंका ने आगे कहा कि वो किताब पर काम करने के दौरान बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से मिली थी। उन मुलाकातों के दौरान बाबा रामदेव काफी सहज थे। मैं उनपर किताब लिख रही हूं। उन्हें ये बात मालूम भी थी। किताब में बाबा रामदेव के हरियाणा में पैदा होेने से लेकर पंतजलि को एक आयुर्वेदिक कंपनी के रूप में शुरू कर इसे कामयाबी के शिखर तक ले जाने की कहानी है। इसे लेकर किताब में रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण और अन्य लोगों की भूमिक का विस्तार से वर्णन किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि बाबा रामदेव के इस कदम के पर उनकी काफी आलोचना की जा रही है। सोशल मीडिया में भी उनके के खिलाफ सैकड़ों ट्वीट्स किए गए हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने भी पब्लिशर के समर्थन में ट्वीट करते हुए लिखा कि हमें प्रेस की स्वतंत्रता को आज बचाने की जरूरत है।

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