प्रदेश में 15 अगस्त से सभी गाँव में बी-1 का होगा वाचन
मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने रीवा में की राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा
मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इस वर्ष 15 अगस्त से प्रदेश के सभी गाँव में बी-1 का वाचन किया जाये और राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति से ग्रामीणों को अवगत करवाया जाये। उन्होंने राजस्व अधिकारियों से इसके लिये ग्राम सभा का आयोजन करने को कहा। मुख्य सचिव आज रीवा में राजस्व प्रकरणों के निराकरण की बैठक में समीक्षा कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरुण कुमार पाण्डे और प्रमुख सचिव लोक सेवा श्री हरिरंजन राव भी मौजूद थे।
मुख्य सचिव ने सभी राजस्व प्रकरणों को दर्ज कर समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि दो माह बाद संभाग-स्तर पर राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की जायेगी। उन्होंने कहा कि लंबित प्रकरण निकलने पर और आवेदक के साथ अन्याय होने की स्थिति में जिम्मेदारी अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालयों का निरीक्षण वरिष्ठ नियंत्रक अधिकारी द्वारा नियमित रूप से किया जाये। बैठक में यह बात सामने आयी कि रीवा संभाग में अपेक्षाकृत अधिक राजस्व प्रकरण दर्ज होते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए कमिश्नर कार्यालय में अपर आयुक्त के दो पद रखे जायें। बैठक में पटवारियों, नायब तहसीलदार, तहसीलदार आदि के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती किये जाने के भी निर्देश दिये गये। राजस्व न्यायालय में राजस्व प्रकरणों के कम्प्यूटर में एन्ट्री के लिये 800 डाटा एन्ट्री ऑपरेटर पद पर भर्ती के लिये कलेक्टर को निर्देश िदये गये हैं।
बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये रिकार्ड-रूम में बेहतर प्रबंधन हो। पटवारी हल्का में 5 वर्ष से अधिक समय तक एक पटवारी की पद-स्थापना होने पर उनका अन्यत्र जगह पर स्थानांतरण किया जाये। दस वर्ष से अधिक एक पटवारी हल्का में पदस्थ रहने पर उनका अन्य तहसील में स्थानांतरण किया जाये। पटवारी के बस्ते की जाँच नियमित हो।
प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरुण कुमार पाण्डे ने सीमांकन कार्य में मशीनों का शत-प्रतिशत उपयोग किये जाने के लिये कहा। बैठक में राजस्व संबंधी नक्शों, रिकार्ड का डिजिटाइजेशन और अन्य कार्यों की भी समीक्षा की गयी। प्रमुख सचिव श्री हरिरंजन राव ने सी.एम. हेल्पलाइन, लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अधिसूचित सेवाओं का समय-सीमा में निराकरण नहीं होने पर जवाबदार अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
मुकेश मोदी