100 दिन लोगों ने करी किंग कोबरा के अण्ड़ों की सुरक्षा
केरल के कन्नूर के एक पहाड़ी गांव में, तीन लोग किंग कोबरा के अंडे की 100 दिनों तक रखवाली करते रहे. ऐसा उन्होंने तब तक किया जब तक अंडे से बच्चा बाहर ना गया. उन्होंने कोबरा के रखे गए कई अंडे को नष्ट नहीं किया जाए इसके लिए उन्होंने स्थानीय लोगों को भी भरोसे में लिया.
वन विभाग के रैपिड रिस्पॉन्स फोर्स के सदस्य चंद्रन एमपी को 22 अप्रैल को एक कोबरा को बचाने के लिए कॉल आया. ऐसा तब हुआ जब कोट्टीयूर में कोबरा देखा गया. वन्यजीव फोटोग्राफर और संरक्षणवादी विजय नीलकांदन और गोवरी शंकर श्री चंद्रन के साथ गए और किंग कोबरे का घोंसला और अंडे देखा. विशेषज्ञों का कहना है कि यह मां कोबरा का पहला घोंसला है, जिसमें उसने अंडे को डर से छोड़ दिया है.
स्थानीय लोग अंडे से कई बच्चे होने की संभावना से चिंतित थे. बता दें कि किंग कोबरा को दुनिया के सबसे विषैले सांपों में माना जाता है. किंग कोबरा के घोंसले से लगभग 90 किलोमीटर दूर रहने के बावजूद, गॉर्ड अंडे की जांच करने के लिए हर दूसरे दिन वहां आते थे. बता दें कि कोबरा के अंडों से बच्चे बाहर आने में आम तौर पर लगभग 80 से 105 दिनों का समय लेते है.
नीलाकंदन कहा , "अंडो से बच्चे बाहर आने की प्रक्रिया समय से लोगों का रवैया बदल रहा है. उन्होंने कहा कि मैथ्यूज, जिन्होंने पहली बार एक कोबरा देखने के बाद पैनिक कॉल किया था, पहली बार ऐसा हुआ कि कोबरा के अंडो से बच्चे बाहर आने की प्रक्रिया होने के बावजूद वह नहीं डरे.