top header advertisement
Home - राष्ट्रीय << अरूणाचल प्रदेश में सुरंग बनाएगा भारत, चीनी सीमा के नजदीक तक पहुंचेगीं सुरंग

अरूणाचल प्रदेश में सुरंग बनाएगा भारत, चीनी सीमा के नजदीक तक पहुंचेगीं सुरंग


भारत और चीन के बीच बढ़ रही तनातनी के बीच भारत सरकार नॉर्थ ईस्ट में अपनी सीमाओं को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है. अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा के पास तक पहुंचने के लिए अब भारत सरकार वहां पर सुरंग बनाने पर जोर दे रही है. इसके लिए सीमा के इलाकों में सड़क बनाने वाली एजेंसी सीमा सड़क संगठन को काम भी सौंप दिया गया है.

'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक, यह सुरंग दो लेन की होगी. सुरंग के बनने के बाद 13,700 फीट ऊंचे सेला दर्रे का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा और स्थानीय लोगों समेत सेना को पहाड़ी यात्रा मार्ग की दूरी घटकर सिर्फ 7 किलोमीटर रह जाएगी. इसके लिए इस संगठन ने अरूणाचल सरकार से जमीन की मांग भी कर दी है.

संगठन के प्रोजेक्ट कमांडर आरएस राव ने इस मुद्दे को लेकर वेस्टर्न कामेंग के उपायुक्त सोनल स्वरूप से भी मुलाकात की. आपको बता दें कि अभी लोगों को तिब्बत की सीमा तक पहुंचने के लिए गुवाहाटी से भालुकपों ग होकर तवांग तक 496 किमी. का सफर करना पड़ता है, लेकिन सुंरग के बाद यह सफर घटेगा और समय बचेगा. इसके तहत 475 मीटर और 1.79 किमी. की सुरंग बनाई जाएगी, जो कि 11,000 फीट और 12,000 फीट की ऊंचाई पर होगी. इसको लेकर मानसून के बाद जमीन अधिग्रहण का भी काम शुरू हो जाएगा.

इसके अलावा असम की सरकार भी बांग्लादेश से लगी असम की सीमा को सील करने पर भी काम शुरू कर रही है. सर्वानंद सोनोवाल इस मुद्दे को चुनाव में उठाकर सत्ता तक पहुंचे हैं, इस मुद्दे के लिए उन्होंने सेना से भी मदद मांगी है. इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है और सेना के इंजीनियरों की तैनाती की मांग की है.

हाल ही में हुआ था पुल का उद्घाटन
इससे पहले मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'ढोला सदीया सेतु' पुल का उद्घाटन किया था. ये पुल चीन की सीमा के नजदीक भारत में किसी नदी पर बना सबसे लंबे पुल है. यह 60 टन वजनी युद्धक टैंक का वजन भी उठा सकता है. ब्रह्मपुत्र नदी पर बने 9.15 किलोमीटर लंबे पुल का उद्घाटन के साथ ही प्रधानमंत्री असम के पूर्वी हिस्से से एनडीए सरकार के तीन साल पूरे होने पर जनसभा भी की थी.

Leave a reply