कर्नाटक में हिंदी का विरोध, मेट्रो स्टेशन पर लगे हिन्दी साइनेज पर पोती स्याही
कर्नाटक में मेट्रो स्टेशंस पर लगे हिंदी के साइनबोर्ड का विवाद थमा नहीं है. यहां गुरुवार सुबह मेट्रो बोर्ड पर लिखे हिंदी साइनेज पर स्याही लगाकर उन्हें ढक दिया गया.
कन्नड़ रक्षणा वैदिक के कार्यकर्ताओं ने कई स्टेशंस पर बोर्ड के हिंदी वाले हिस्से पर स्याही लगा दी. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्होंने बैंगलुरू मेट्रो कॉर्पोरेशन लिमिटेड को हिंदी के नाम हटाने के लिए जो समय दिया था वो खत्म हो गया था. इसलिए हमने खुद कदम उठाने का फैसला किया.
रक्षणा वैदिक के कार्यकर्ता छोटे-छोटे समूहों में बंटकर सुबह 3 बजे अलग-अलग जगहों पर गए. उन्होंने यशवंतपुर, दीपांजलि नागा, नागासंद्रा, मैसूर रोड और गोरागुन्तेपल्या में बोर्ड पर नाम मिटा दिए.
बैंगलुरू पुलिस ने केआर मार्केट मेट्रो स्टेशन (बीएमआरसीएल) से कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है.
सोशल मीडिय से शुरू हुआ विरोध
बता दें कि केंद्रीय शहीर विकास मंत्रालय ने बीएमआरसीएल को कहा था कि यह सुनिश्चित करें कि मेट्रो के नए फेज 1 में हिंदी साइनेज लगे हों. कन्नड़ विकास प्राधिकरण ने बाद में इसके लिए बीएमआरसीएल से जवाब भी मांगा था.
कर्नाटक में हिंदी साइनेज को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. सोशल मीडिया से शुरू हुए इस विरोध में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो गए. उनका कहना था कि हिंदी भाषी क्षेत्रों में अगर कन्नड़ में बोर्ड नहीं लगाए जाते तो कर्नाटक में ऐसा क्यों हो.
वहीं, इसके उलट हैदराबाद में हिंदी साइनेज को लेकर कोई विरोध नहीं हुआ. यहां चार भाषाओं में मेंट्रो में साइनेज लगे हैं जिनमें हिंदी भी है. यहां लोगों का कहना था कि अगर स्थानीय भाषा को महत्व दिया जा रहा है तो उन्हें हिंदी से कोई समस्या नहीं है.