सुप्रीम कोर्ट में होगी आज आधार की अनिवार्यता पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की एक पीठ आधार को लेकर मंगलवार और बुधवार को सुनवाई करेगी। यह पीठ सरकार की ओर से आधार को पैन से लिंक कराने और निजता जैसे कई मुद्दों पर उठे सवालों पर सुनवाई करेगी।
प्रतिवादियों की ओर से आधार कानून 2016 को चुनौती दी गई है। प्रतिवादियों ने सुप्रीम कोर्ट को आधार से निजता के खतरे और हर योजना का लाभ पाने के लिए आधार जरूरी करने पर अपना पक्ष रखा है।
सरकार के वकील की ओर से मामले पर अपना पक्ष रखे जाने के बाद मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिज वाईडी चंद्रचूड ने सुनवाई की तारीख तय की थी। इससे पहले मामले की पर जस्टिस जे चेलमेश्वर की अगुवाई वाली बेंच ने जस्टिस खेहर से भी इस मामले में सुनवाई के लिए निवेदन किया था। इसके बाद जस्टिस खेहर ने पांच जजों की बेंच गठनकर सुनवाई का फैसला किया। जस्टिस चेलमेश्वर आधार पर 2015 से चल रही सुवाई का हिस्सा रहे हैं।
आधार जरूरी न करने की मांग पर कोर्ट का इनकार
आपको बता दे कि इससे हपले 7 जुलाई को सभी योजनाओं के लिए आधार लागू न करने की मांग पर सुनवाई हुई थी। लेकिन कोर्ट से सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
ये है मसला- समाज कल्याण की योजनाओं का लाभ पाने के लिए सरकार ने आधार को अनिवार्य बना दिया है। इसके खिलाफ कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इससे पहले हुई एक सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार और सरकारी एजेंकियों की योजनाओं का लाभ पाने के लिए आधार जरूरी नहीं होना चाहिए।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार एलपीजी सब्सिडी, जनधन योजना और राशनकार्ड जैसी सुविधाओं के लिए लोगों से आधार मांग सकती है।
90 से ज्यादा योजनाओं के लिए लगता है आधार
भारत सरकार के 19 मंत्रालयों की 90 से ज्यादा योजनाओं के लिए आधार मांगा जा रहा है। इन योजनाओं में मनरेगा, फूड सब्सिडी, एलपीजी सब्सिडी जैसी योजनाएं प्रमुख हैं।