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देश के 14वें राष्ट्रपति के लिए मतदान शुरू, रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार में से चुने जाना है राष्ट्रपति


देश के 14वें राष्ट्रपति के लिए मतदान शुरू हो चुका है। यह मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। मतदान के लिए पीएम मोदी सुबह संसद भवन पुहंचे और अपने मताधिकार का उपयोग किया। उनके अलावा भाजपा और अन्य सभी राजनीतिक दलों के सांसद भी वोट जालने के लिए पहुंचे। मतदान शुरू होते ही अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। रायसीना की इस रेस में मीरा कुमार के मुकाबले एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का पलड़ा आंकड़ों में भारी है।

मतपत्र से होने वाले मतदान के बाद बैलेट बॉक्स हवाई जहाज से दिल्ली ले जाया जाएगा। यह बैलेट बॉक्स हवाई जहाज से दिल्ली जाने वाले भारत निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि अपनी बगल की सीट पर रखकर ले जाएंगे। इसके लिए बाकायदा सीट आरक्षित की जाती है।

ऐसे चुने जाते हैं राष्ट्रपति
देश में राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से इलेक्टोरल कॉलेज द्वारा किया जाता है। यह लोकसभा के 543 सदस्यों, राज्यसभा के चुने गए 233 सदस्यों और 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 4120 विधायकों से बनता है।

वर्तमान चुनाव में वोटों का गणित
- 4120 राज्य विधानसभा के कुल विधायक

- 5,49,495 राज्य विधानसभाओं के वोटों की कुल वैल्यू

संसद सदस्यों के प्रत्येक वोट की वैल्यू
- लोकसभा के कुल सदस्य (543)+राज्यसभा के कुल सदस्य (233)= 776

प्रत्येक वोट की वैल्यू बराबर 708
- सभी 776 वोटों की वैल्यू=708 X 776 = 5,49,408

- कुल इलेक्टोरल कॉलेज= विधायक (4120) + सांसद (776)= 4896

- 2017 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए 4896 इलेक्टोरल की कुल वैल्यू= 5,49,474+54,94,408= 10,98,903

कोटा का निर्धारण
इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की कुल वैल्यू को दो से विभाजित किया जाता है और जीत के लिए अपेक्षित कोटे को निर्धारित करने के लिए भागफल में एक जोड़ दिया जाता है। इस प्रकार यह कोटा 549452 होगा।

पेन/पेंसिल व मोबाइल की अनुमति नहीं
मतदान के लिए आने वाले विधायकों-सांसदों को हॉल के अंदर पेन/पेंसिल व मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। बैलेट पेपर पर मतदान अंकित करने के लिए निर्वाचन आयोग खास किस्म का पेन मुहैया कराएगा, जिसकी स्याही बैंगनी रंग की होगी।

वोट डालने वाले 1,581 जनप्रतिनिधि दागी 
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एंड नेशनल इलेक्शन वॉच (एडीआर) ने 4,896 में से 4,852 विधायकों व सांसदों के हलफनामे के विश्लेषण से बताया है कि 1,581 ऐसे सांसद और विधायक राष्ट्रपति के लिए वोट करेंगे, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 4,852 सांसद व विधायकों में से 993 (20 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।

रिपोर्ट के अनुसार, 543 लोकसभा सदस्यों में से 184 (33 फीसदी), 231 राज्यसभा सदस्यों में से 44 सांसदों और सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश 4,078 विधायकों में से 1353 (33 फीसदी) पर आपराधिक मुकदमा चल रहा है। इनका वोट 3,67,393 (34 फीसदी) है, जबकि कुल वोट 10,91,472 है। 4,852 सांसदों व विधायकों में से 3,460 (71 फीसदी) ने चुनाव लड़ते वक्त दी जानकारी में खुद को करोड़पति बताया है।

भाजपा के 31 प्रतिशत विधायकों-सांसदों पर प्रकरण
मतदाता में शामिल होने वाले भाजपा के 31 फीसदी, कांग्रेस के 26 फीसदी, तृणमूल कांग्रेस के 29 फीसदी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 49 फीसदी तथा भाकपा के 58 फीसदी विधायकों-सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। निर्वाचक मंडल में महिलाएं केवल नौ फीसदी हैं। 4,852 सांसदों व विधायकों में महिलाओं की संख्या केवल 451 है।

यह है खास बातें
- राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतपत्रों का इस्तेमाल होगा। राजनीतिक पार्टियां अपने सांसदों और विधायकों को व्हिप जारी नहीं कर सकतीं।

-मत-पत्र में नोटा का विकल्प नहीं होगा।
- निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए 33 पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। दो पर्यवेक्षक संसद में, जबकि एक-एक पर्यवेक्षक हर राज्य की विधानसभा में तैनात रहेगा।

- भले ही प्रधानमंत्री मोदी और सोनिया गांधी ने अलग-अलग उम्मीदवार खड़े किए हैं, लेकिन दोनों अपने मत का प्रयोग एक ही टेबल पर करेंगे। राहुल गांधी भी अपना मत उसी टेबल पर डालेंगे। ये सभी संसद भवन के हॉल नंबर - 62 की टेबल नंबर 6 पर अपना वोट डालेंगे।

- गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन तथा मुकुल रॉय सहित राज्यसभा के 14 सदस्यों को भी मतदान की इजाजत दी गई है।

- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 41 लोकसभा सदस्य अपने-अपने राज्यों की विधानसभा में वोट करेंगे।

- आयोग ने पांच विधायकों को संसद में तथा पांच अन्य विधायकों को दूसरे राज्यों की विधानसभा में मतदान करने की इजाजत दी है।

- 23 जुलाई को शाम सा़ढ़े पांच बजे संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दोनों सदनों के सांसद विदाई देंगे।

- 25 जुलाई की सुबह सेंट्रल हॉल में देश के प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर जनए राष्ट्रपति को शपथ दिलाएंगे।

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