सर्वदलीय बैठक : भारत-चीन सीमा विवाद पर सरकार को मिला सभी दलों का समर्थन
केंद्र सरकार ने चीन के साथ सिक्किम में जारी तनाव और कश्मीर के हालात की जानकारी देने के लिए शुक्रवार को विपक्षी दलों के साथ बैठक की। बैठक में विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय मुद्दों पर सरकार को साथ देने का भरोसा दिया।
डोका ला में चीनी घुसपैठ पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर ने प्रस्तुति दी और सड़क निर्माण के जरिये चीन के असली इरादों की जानकारी दी। बैठक के बाद केंद्र सरकार के प्रमुख प्रवक्ता फ्रैंक नोरोहना ने कहा कि सभी दलों ने चीन और कश्मीर मुद्दे पर समर्थन करने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि इस बैठक का मकसद अलग-अलग दलों के सांसदों को चीन के साथ 10 जुलाई को अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले के बाद स्थिति से अवगत कराना था।
बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी ने सरकार के समक्ष कुछ सवाल उठाए, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्र सर्वोपरि है, फिर चाहे वह चीन का मुद्दा हो या कश्मीर। पार्टी ने सलाह दी कि सरकार राजनीति से ऊपर उठकर कूटनीतिक तरीके से इस मुद्दे का हल निकाले। तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी ने कुछ गंभीर सवाल उठाए, जिनका जवाब नहीं मिला। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार ने बैठक में इन मुद्दों पर उसके द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।
डोभाल चीन जाएंगे
सूत्रों ने कहा कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत चाहता है कि चीन पहले की स्थिति में वापस जाए। भारत लगातार चीन के साथ कूटनीतिक स्तर पर संपर्क में है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ब्रिक्स एनएसए बैठक के लिए इसी माह चीन जाने वाले हैं। इस बैठक के दौरान भारत अपना पक्ष चीन के सामने रखेगा।
भारत पीछे नहीं हटेगा
बैठक में सरकार ने बताया कि चीन डोका ला क्षेत्र में यथास्थिति बदलने की ताक में है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपने रणनीतिक हितों के लिए पीछे नहीं हटेगी। भारत को भरोसा है कि चीन के साथ कूटनीतिक स्तर पर इस मसले का हल जरूर निकाल लिया जाएगा।