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चीन से तनाव के बाद भारत ने बढ़ाई सीमा पर तैनाती


 सिक्किम से सटे चीन की सीमा पर तनाव के बीच भारत ने डोक ला इलाके में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है. 1962 के बाद पहली बार ऐसा देखा जा रहा है , जब किसी इलाके में भारत और चीन की सेनाओं के बीच इतने लंबे वक्त तक गतिरोध जारी है. एक महीने से डोका ला में दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं. आपको बता दें कि डोका ला उस क्षेत्र का भारतीय नाम है, जिसे भूटान डोकलाम कहता है, जबकि चीन इसे अपने डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा बताता है.

सूत्रों के मुताबिक, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा भारतीय सेना के 2 बंकरों को नष्ट करने की आक्रामक कार्रवाई के बाद भारत ने 'गैर-आक्रामक मुद्रा' में और ज्यादा जवानों को भेजा है.

इधर,चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने भारत के इस कथन को 'असमर्थनीय ' करार दिया है जिसमें उसने कहा है कि विवादित डोकलाम इलाके में चीन की ओर से सडक का निर्माण कराने से 'गंभीर सुरक्षा दुष्प्रभाव ' पैदा हुए हैं. एजेंसी ने कहा कि भारत को द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने पर बनी सहमति से पीछे नहीं हटना चाहिए.

गतिरोध खत्म करने के लिए भारत से इलाके से अपने सैनिक हटाने की अपील करते हुए शिन्हुआ ने अपने एक लेख में कहा, ' 'यह सर्वविदित है कि भारत-चीन सीमा के सिक्किम प्रभाग का सीमांकन 1890 की चीन-ब्रिटिश संधि द्वारा हुआ है. भारत की आजादी के बाद भारत सरकार ने बार बार लिखित रुप से इसकी पुष्टि की और यह स्वीकार किया कि सिक्किम खंड की सीमा को लेकर दोनों देशों को कोई आपत्ति नहीं है. ' ' उसने कहा कि भारतीय सैनिकों द्वारा डोकलाम इलाके में चीन सेना को सडक का निर्माण करने से रोकने का प्रयास किये जाने की 'चीन-भारत संबंधों पर छाया पडी है. '

चीन ने अपने दावे के पक्ष में चीन-ब्रिटिश संधि का हवाला दिया, लेकिन नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा था, ' 'जहां तक सिक्किम सेक्टर में सीमा का सवाल है तो इस संदर्भ में हमारा यह कहना है कि भारत और चीन के बीच 2012 में सहमति बनी थी. यह सहमति 'संरेखण के आधार पर ' परस्पर समझौते की फिर से पुष्टि करते हुए बनी थी. सीमांकन को अंतिम रुप देने को लेकर आगे की बातचीत विशेष प्रतिनिधि स्तर की व्यवस्था के तहत चल रही है. ' '

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