के. के. वेणुगोपाल होंगे नए अर्टानी जनरल, मुकुल रोहतगी के इस्तीफे के बाद हुआ नाम तय
वरिष्ठ वकील के. के. वेणुगोपाल का नाम भारत के नये अटॉर्नी जनरल के रूप में स्वीकृत हो गया है. गौरतलब है कि तत्कालीन अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी द्वारा पद से इस्तीफा देने का फैसला लेने के बाद यह निर्णय किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका, नीदरलैंड और पुर्तगाल यात्रा से पहले ही 86 वर्षीय वकील वेणुगोपाल के नाम पर चर्चा हो गयी थी. कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.
कौन हैं वेणुगोपाल?
सूत्रों का कहना है कि वेणुगोपाल मोदी के तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले उनसे मिले थे. संपर्क करने और बतौर अटॉर्नी जनरल प्राथमिकताओं के बारे में सवाल करने पर वेणुगोपाल ने कहा, मैं अधिसूचना जारी होने के बाद ही कुछ कहूंगा. बता दें कि संविधान विशेषज्ञ केके वेणुगोपाल भारत के 15वें अटॉर्नी जनरल होंगे. संविधान के विशेषज्ञ हैं. उन्हें पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है. इससे पहले मोरारजी सरकार में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहे हैं.
कर चुके हैं आडवाणी-जोशी की पैरवी
वेणुगोपाल हाल ही में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और अन्य की ओर से भी इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में पेश हुए थे. मामले में कोर्ट ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश के आरोप बहाल कर ट्रायल को 2 साल में पूरा करने का आदेश दिया है. वेणुगोपाल कई सरकारों का भी कोर्ट में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में वह सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे.
बीजेपी सरकार के साथ उनका जुड़ाव अयोध्या आंदोलन के समय से है. वह यूपी की कल्याण सिंह सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे. उन्होंने आश्वासन दिया था कि विवादित ढांचे की रक्षा की जाएगी. हालांकि 6 दिसंबर, 1992 को कारसेवकों ने ढांचे को ढहा दिया. बाद में वह तत्कालीन चीफ जस्टिस एमएन वेंकटचलैया के घर पर शाम को बैठी पीठ के सामने पेश हुए थे. वेणुगोपाल को भूटान सरकार ने संवैधानिक सलाहाकर नियुक्त किया था. उन्होंने भूटान का संविधान बनाने में रोल निभाया.
कभी पिता के अंडर में प्रैक्टिस शुरू की थी
वेणुगोपाल का जन्म 1931 में केरल में हुआ था. कर्नाटक के मेंगलोर पले बढ़े. उन्होंने बेलगाम के राजा लखामगौडा लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की. उनके पिता एमके नाम्बियार भी वकील थे. वेणुगोपाल के दो बेटे और एक बेटी हैं . 86 साल के वेणुगोपाल ने 1954 में मैसूर हाईकोर्ट के बार में रजिस्ट्रेशन कराया था. बाद में मद्रास हाईकोर्ट में अपने पिता एमके नाम्बियार के अंडर में प्रेक्टिस शुरू की. 1960 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की.