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आधी रात को पूरा हुआ ‘एक देश, एक कर’ का सपना, संसद में घण्टा बजा हुआ जीएसटी का आगाज


आखिरकार शुक्रवार आधी रात को देश ने वो लम्हा देखा जिसका लंबे अर्से से इंतजार था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रात ठीक 12 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में घंटा बजाकर जीएसटी लागू कर दिया। इसके साथ ही एक देश एक टैक्स का सपना भी साकार हो गया।

जीएसटी के लागू होते ही वैट, सेवा कर और केंद्रीय उत्पाद शुल्क जैसे केंद्र और राज्यों के 17 कर समाप्त हो गए हैं। अब वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की चार दरें- पांच, 12, 18 और 28 फीसद लागू की जाएंगी।

इस मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को गुड एंड सिंपल (अच्छा और सरल) टैक्स करार दिया। इससे देश में व्यापार करना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह किसी एक दल या सरकार की सिद्धि नहीं है। यह हम सभी के प्रयासों का नतीजा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण दिसंबर 2002 में शुरू हुई लंबी यात्रा की परिणति है।

उन्होंने जीएसटी को राज्य सरकारों की सहमति और देशहित में सबके साथ आने का प्रतीक बताया। बताते चलें कि 2011 में वित्त मंत्री की हैसियत से प्रणब ने ही जीएसटी को संसद के पटल पर रखा था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हम भारत के विकास में ऐतिहासिक फैसला करने जा रहे हैं। यह भारत की एक नई शुरुआत होगी।

नहीं आए मनमोहन
संसद के केंद्रीय कक्ष में हुए आयोजन से कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी पार्टियों ने खुद को दूर रखा। इसलिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कार्यक्रम में नहीं आए। हालांकि, एचडी देवेगौड़ा और राकांपा नेता शरद पवार इस मौके पर मौजूद थे। जदयू का प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शामिल हुआ। रतन टाटा, लता मंगेशकर और अमिताभ बच्चन समेत कई हस्तियां कार्यक्रम में मौजूद थीं।

आम आदमी को राहत
निम्न और मध्यम वर्ग के इस्तेमाल की भी अधिकांश वस्तुओं पर भी जीएसटी की दर शून्य रखी गयी है। हालांकि, धनाढ्य वर्ग के काम आने वाली चीजों और सेवाओं पर टैक्स वसूलने में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। तंबाकू और लग्जरी वस्तुओं व महंगी कारों पर जीएसटी के अलावा भारी भरकम सेस भी अलग से लगाया गया है।

सभी वस्तुओं पर टैक्स
शराब को छोड़कर सभी वस्तुएं जीएसटी के दायरे में हैं। हालांकि पांच पेट्रोलियम उत्पादों- कच्चा तेल, एटीएफ, डीजल, पेट्रोल और प्राकृतिक गैस पर जीएसटी किस तारीख से लागू होगा, इसका फैसला केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल करेगी। फिलहाल इन पांच उत्पादों को जीएसटी से बाहर रखा गया है।

जीएसटी काउंसिल लेगी फैसले
जीएसटी के संबंध में फैसले लेने वाली सर्वोच्च संस्था जीएसटी काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। काउंसिल में निर्णय लेने के लिए मताधिकार की व्यवस्था होने के बाद भी काउंसिल की अब तक हुई डेढ़ दर्जन बैठकों में सभी फैसले आम राय से ही हुए हैं।

किसानों का रखा विशेष ध्यान
--जीएसटी में किसानों का विशेष ध्यान रखा गया है। किसानों को जीएसटी के लिए पंजीकरण से छूट दी गई है।

--साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि जीएसटी की दरों से खेती की लागत न बढ़ जाए।

--जीएसटी लागू होने से चंद घंटे पहले जीएसटी काउंसिल ने खाद पर 12 प्रतिशत की दर को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया।

--साथ ही ट्रैक्टर के कई कल-पुर्जों पर जीएसटी की प्रस्तावित 28 प्रतिशत की दर को भी घटाकर 18 कर दिया गया।

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