GST आधी रात को होगा लॉन्च, कांग्रेस करेगी समारोह का बहिष्कार
संसद के सेंट्रल हॉल में शुक्रवार रात 11 बजे जीएसटी लॉन्च से जुड़ा कार्यक्रम होगा, जो आधी रात 12 बजे के बाद तक चलेगा. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पीएम मोदी, पूर्व पीएम एच डी देवेगौड़ा, सभी कैबिनेट मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे, हालांकि कांग्रेस इसका बहिष्कार करेगी. कांग्रेस का कहना है कि ये सिर्फ सरकार के प्रचार का शगूफ़ा है. कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने के लिए पूरी तैयारी नहीं होने का भी आरोप लगाया. वहीं लेफ़्ट और टीएमसी भी इस समारोह से दूर रहेंगी.
जीएसटी के विशेष कार्यक्रम के लिए कई विशिष्ट व्यक्तियों को निमंत्रित किया गया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, सभी राज्यों के वित्त मंत्री, जीएसटी परिषद के सदस्य, आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल, आरबीआई के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन, वाईवी रेड्डी, डी सुब्बाराव, बिमल जालान, सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस और अन्य जज, हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस, मशहूर वक़ील सोली सोराबजी, केके वेणुगोपाल, हरीश साल्वे, केके वेणुगोपाल, सीआईआई, फ़िक्की, एसोचैम के प्रमुख, पूर्व सीएजी टीएन चतुर्वेदी, विनोद राय, मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी, आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगढिया, जीएसटी पेनल के पूर्व अध्यक्ष सुशील मोदी और अब्दुल रहीम राथेर, सीएजी शशिकांत शर्मा, सीवीसी केवी चौधरी और यूपीएससी अध्यक्ष, मशहूर कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन, अकाली दल प्रमुख प्रकाश सिंह बादल और सौ से भी ज्यादा विशिष्ट व्यक्तियों को निमंत्रण भेजे गए. सभी सांसदों को भी आमंत्रित किया गया है.
पार्टी द्वारा गुरुवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने आधी रात के कार्यक्रम को गरिमा के खिलाफ बताया. आजाद ने कहा कि जीएसटी समारोह ठीक नहीं. मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आजाद ने कहा कि जीडीपी गिरावट पर सरकार का कोई ध्यान नही है. सरकार बहरी है, उसे चीख पुकार सुनाई नहीं देती. कांग्रेस के साथ ही कुछ अन्य दलों ने भी इस समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. तृणमूल कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि पार्टी समारोह में हिस्सा नहीं लेगी. कांग्रेस के इस कदम से साफ हो गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे. यह इसलिए अहम है क्योंकि मंच पर पीएम और राष्ट्रपति के अलावा दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया था.
उन्होंने कहा, वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा से लेकर राष्ट्रपति बनने से पहले वित्त मंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल तक हमने जीएसटी के लिए प्रयास किया. मैंने जीएसटी के लिए साल 2011 में एक संविधान संशोधन विधेयक पेश किया. लेकिन वह आगे नहीं बढ़ सका. राष्ट्रपति ने बजट सत्र को फरवरी के पहले दिन से शुरू करने तथा रेलवे बजट सहित स्वतंत्र भारत का पहला संयुक्त बजट पेश करने के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा की. (इनपुट्स IANS से भी)