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वाशिंगटन में पीएम मोदी ने किया भारतीयों को संबोधित ‘तीन साल में एक भी दाग नहीं’


वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाशिंगटन में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि तीन साल के कार्यकाल में उनकी सरकार पर एक भी दाग नहीं लगा है. उन्होंने कहा कि कई सालों के मुकाबले आज भारत ज्यादा तेज गति से आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम भारत पर आतंकवाद के खतरनाक प्रभावों के बारे में दुनिया को बताने में सफल रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 'सजर्किल स्ट्राइक' ने दिखाया कि आमतौर पर संयम बरतने वाला भारत अपनी संप्रभुता बचा सकता है और सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, अमेरिका में बसे हुए सभी मेरे परिवारजन हैं, परिवार के स्‍वजनों से मिलने का जो आनंद होता है वह आनंद में जब जब आपसे मिलता हूं अनुभव करता हूं, एक नई ऊर्जा लेकर जाता हूं, नया उमंग और उत्‍साह आप मेरे अंदर भर देते हैं. उन्होंने कहा, जब मुख्‍यमंत्री या प्रधानमंत्री नहीं था तब मैंने अमेरिका के करीब 30 प्रांतों का भ्रमण किया था और किसी न किसी प्रकार आप सभी से मिलने का मौका मिलता था.

पीएम मोदी ने कहा, प्रधानमंत्री बनने के बाद आप लोगों ने इतने बड़े बड़े समारोह आयोजित किए हैं कि जिसकी गूंज आज भ्‍ीा पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है.न सिर्फ अमेरिकन लीडर्स, बल्कि विश्‍व के नेता जब मिलते हें तो उनके दिमाग में मेरी पहचान अमेरिका के इवेंट से होती है. ये सब आप लोगों का ही पुरुषार्थ है और मैं जानता हूं कि अमेरिका में रहते हुए ये सब करने में कितनी मेहनत लगती है. फिर भी आपने इसे कामयाब बनाया है.

उन्होंने कहा, यहां मैं जो स्वरूप देख रहा हूं उसमें लघु भारत भी है और लघु अमेरिका भी देख रहा हूं. भारत के करीब करीब सभी राज्‍यों के लोग यहां पर हैं और अमेरिका के भी लगभग सभी राज्‍यों के लोग यहां हैं. आप चाहे जिस वजह से भी यहां आए हों लेकिन अगर हिंदुस्‍तान में कुछ अच्‍छा होता है तो आप भी खुश होते हैं और अगर कुछ बुरा होता है तो सबसे पहले आपकी नींद खराब होती है. ऐसा इसलिए होता है कि आप सोचते हैं कि मेरा देश ऐसा कब बनेगा.

पीएम मोदी ने कहा, मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं कि जो सपने आपने देखे हैं वो आपके रहते पूरे होंगे. और उसका सीधा साधा कारण है. आप भी हिंदुस्‍तान में थे, आप ही अमेरिका में हैं. लेकिन सही वातावरण मिलने के बाद आप इतने फले फूले कि अमेरिका की भलाई में भी सहायक बने. आपके जैसा सामर्थ्‍य और प्रतिभा रखने वाले सवा सौ करोड़‍ हिंदुस्‍तानी हिंदुस्‍तान में बैठे हैं. वो भी आप जैसे ही हैं. आपको जैसे यहां अनुकूल माहौल मिला तो आप कहां से कहां पहुंच गए. वहां उनको भी अब अनुकूल माहौल मिल रहा है तो आप भी जानते हैं कि सवा सौ करोड़ लोग हिंदुस्‍तान को कहां से कहां ले जा सकते हैं. और जब सवा सौ करोड़ देशवासियों का जज्‍बा और कुछ कर गुजरने का इरादा पूरे देश में अनुभव होता हो, तो देशवासियों मैं आपको विश्‍वाास दिलाता हूं कि पिछले कई दशकों से जो गति नहीं थी उससे कहीं तेजी से देश आगे बढ़ रहा है.

पीएम मोदी ने कहा, मैं आज सर झुकाकर बड़ी नम्रता से कहना चाहूंगा कि इस सरकार ने तीन साल का जो कार्यकाल बिताया है, अब तक इस सरकार पर एक भी दाग नहीं लगा है. सरकार चलाने के तरीके में भी इनबिल्‍ड व्‍यवस्‍थाओं को ऐसा विकसित करने का प्रयास हो रहा है ताकि ईमानदारी की सहज प्रक्रिया भी हो. टेक्‍नोलॉजी उसमें बहुत बड़ा रोल अदा कर रही है. इससे पारदर्शिता आती है.

प्रधानमंत्री ने कहा, गैस सब्सिडी की बात करें तो यह गरीब से गरीब और अमीर से अमीर को भी मिलती है. मैंने अपील की अमीर लोग सब्सिडी लेना छोड़ दें. तो देश की तरक्‍की के लिए करीब सवा करोड़ लोगों ने सब्सिडी छोड़ दी. हमने उस सब्सिडी का इस्‍तेमाल उन गरीब परिवारों के लिए गैस की व्‍यवस्‍था करने के लिए किया जो लकड़ी का चूल्‍हा जलाने को मजबूर थे.

पारदर्शिता लाने में टेक्‍नोलॉजी बहुत बड़ा रोल अदा कर रही है और युवा अच्‍छे से इसका महत्‍व जानता है. आज हिंदुस्‍तान उस टेक्‍नोलॉजी पर बल देते हुए व्‍यवस्‍था बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

आज विश्‍व में किसी को आतंकवाद समझाना नहीं पड़ता है. हम समझाते थे तो समझ नहीं आता है लेकिन आतंकवादियों ने समझा दिया. लेकिन जब भारत सर्जिकल स्‍ट्राइ‍क करता है तब दुनिया को ताकत का एहसास होता है और पता चलता है कि हां हम संयम रखते हैं.

हम दुनिया के नियमों का पालन करते हुए हमारी अखंडता और सुरक्षा के लिए और हमारे जनसामान्‍य के हित के कठोर से कठोर कदम उठाने का सामर्थ्‍य रखते हैं.

सर्जिकल स्‍ट्राइक एक ऐसी घटना थी, अगर दुनिया चाहती तो भारत के बाल नोंच लेती,  हमें कटघरे में खड़ी कर सकती थी, हमसे जवाब मांगा जाता. लेकिन आपलोगों ने पहली बार अनुभव किया होगा कि भारत के इतने बड़े कदम पर विश्‍व में किसी ने भी एक सवाल तक नहीं उठाया. जिनको भुगतना पड़ा उनकी बात अलग है. ये इसलिए कि हम दुनिया को समझाने में सफल हुए है कि आतंकवाद का वह रूप है जो हमें परेशान कर रहा है.

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