प्रदेश में टेलेंट कुंठित नहीं होगा
कृषि क्षेत्र में नवाचारों की अपार संभावनाएँ
अनुसंधान, उद्यमिता और स्टार्टअप प्रोत्साहन नीति निर्माण की राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रयास है कि प्रदेश की धरती पर टेलेंट कुंठित नहीं होने पाये। सरकार का पूरा सहयोग और समर्थन उद्यमिता और नवाचारी प्रयासों को है। उन्होंने कहा शिक्षा, व्यवस्था, व्यापार, उद्योग आदि हर क्षेत्र में प्रतिभाओं और नवाचारों को प्रोत्साहित करने के प्रयास हो रहे हैं। मेधावी छात्र योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना और वेंचर्स फन्ड जैसी अनेक योजनाएँ संचालित की गयी हैं। कृषि क्षेत्र में नवाचारों की अपार संभावनाएँ हैं। श्री चौहान आज आर.सी.वी.नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में नेशनल कन्वेंशन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन का आयोजन विद्यार्थी कल्याण न्यास, भोपाल डेवलपमेंट कार्पोरेशन के द्वारा किया गया। संगोष्ठी में उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नवाचारी कोशिशों और विचार को सरकार और समाज द्वारा भरपूर सहयोग के प्रयास किये जा रहे हैं। सम-सामयिक
समस्याओं के समाधान के लिये नवीन विचारों और प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि विकास दर लगातार चार वर्ष से 20 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। ऐसा दुनिया में कही नहीं हुआ है। इस चमत्कारिक प्रगति के फलस्वरूप बम्पर उत्पादन होने लगा है। उन्होंने प्याज की फसल का उदाहरण देते हुए बताया कि 32 लाख मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन होने से प्याज की कीमत गिर गयी। किसानों को मदद के लिये सरकार 8 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज की खरीदी कर रही है। इस प्याज के उपयोग के लिये तात्कालिक कोशिशें की जा रही हैं। दीर्घ काल में प्याज का पेस्ट बनाने जैसे उपायों पर भी विचार किया जाना चाहिये। उन्होंने आव्हान किया कि कृषि उत्पादों के मूल्यसंवर्धन के प्रयासों पर कृषि महाविद्यालयों और अनुसंधान केंद्रों में चिंतन होना चाहिये। युवाओं को इस दिशा में प्रेरित किया जाना चाहिये। इस क्षेत्र में नई कोशिशों को सरकार का पूरा सहयोग, समर्थन मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने के लिये वेंचर केपिटल फंड का गठन किया गया हैं। जो स्टार्टअप्स में निवेश करेगा। सफलता पूर्वक संचालन अवस्था में आने पर सरकार अपना निवेश वापस लेकर नई परियोजना में लगा देगी। प्रयास है कि सरकार प्रति वर्ष राज्य में 100 स्टार्ट अप खड़े करे। शिक्षण संस्थानों में इसकी जानकारी देने के कार्य भी किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व-रोजगार और कौशल उन्नयन की दिशा में सरकार के प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में सरकार की गारंटी पर बैंक 10 लाख से दो करोड़ रूपये का ऋण दे रहे हैं। इस पर 15 प्रतिशत का ऋण अनुदान और 5 वर्ष के लिये इन्टरेस्ट सब्सिडी की व्यवस्था भी की गयी है। ताकि स्थापना संबंधी शुरूआती कठिनाइयों का सामना करने में उद्यमियों को दिक्कत नहीं हो। उन्होंने कहा कि पारंपरिक शिल्पियों, दस्तकारों के हुनर को संरक्षित और संवर्धित करने की कोशिश भी की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने अगरिया जनजाति का उदाहरण देते हुए बताया कि दुनिया में लौह अयस्क से स्टील बनाने वाले पहले कारीगर है। ऐसे ही धातु के उपकरण बनाने में पारंगत सिकलीकर जनजाति है। इनके हुनर के उचित उपयोग के अवसर नहीं मिलने पर कुछ लोग अनुचित कार्यों में हुनर को बरबाद कर देते हैं। सरकार ने उनके साथ संवाद स्थापित कर उनके हुनर का सही उपयोग करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रतिभाओं के सपनों को साकार करने में सहयोग का हर संभव प्रयास कर रही है। मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिये 6 लाख रूपये तक की आय वाले परिवारों के बच्चों को चिन्हित इंजीनियरिंग, मेडीकल, प्रबंधन, विधि एवं अन्य संस्थानों में प्रवेश मिलने पर फीस सरकार द्वारा भरवाने की योजना क्रियान्वित की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा के प्रमुख तीन उद्देश्य ज्ञान, कौशल और संस्कार को आगे करने का कार्य निरंतर तीव्र गति से हो रहा है। उन्होंने संगोष्ठी के विचार-विमर्श को इस दिशा में सार्थक पहल बताते हुए विचार-मंथन के निष्कर्षों पर गंभीरता पूर्वक विचार कर क्रियान्वयन का आश्वासन दिया।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता पद्मभूषण वैज्ञानिक और नीति आयोग के सदस्य श्री वी.के. सारस्वत थे। प्रस्तावना उद्बोधन प्रो. श्री मिलिंद मराठे ने दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में महानिदेशक सॉफ्टवेयर पार्क ऑफ इंडिया श्री ओमकार राय और विद्यार्थी कल्याण न्यास के श्री उमेश शर्मा उपस्थित थे। संगोष्ठी में विद्वानों द्वारा अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन के लिये नीति निर्माण विषय पर मंथन किया गया।
अजय वर्मा