ब्रोशर में दी गयी सुविधाओं की पूर्ति बिल्डर को करना ही होगा
रेरा प्राधिकरण द्वारा करवाई गयीं भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एंव जबलपुर में कार्यशालाएँ
नूर-उस-सबा होटल में रीयल एस्टेट से जुडे सभी सहयोगियों यथा चार्टड एकाउन्टेंट, आर्किटेक्ट, इंजीनीयर्स, शासकीय विभागों की एक दिवसीय कार्यशाला की गई। कार्यशाला में म.प्र. भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष, श्री अन्टोनी डिसा ने बताया कि रेरा एक्ट के आने का मुख्य कारण इस क्षेत्र में व्याप्त असंतुलन था। रेरा एक्ट में आवंटियों के साथ जो भी अनुबंध ठेकेदार, बिल्डर्स/प्रमोटर्स करेंगे, उसका पालन उन्हें करना होगा। साथ ही अपने निर्माण कार्य की 05 वर्ष की गारंटी भी लेनी होगी। उन्हें समय पर आवंटितों को डिलीवरी देनी होगी। प्रावधान का पालन नहीं करने पर आवंटी उनसे ब्याज सहित भुगतान तथा मुआवजा प्राप्त कर सकेगें ।
श्री डिसा ने कहा कि रेरा एक्ट से कुशल, ईमानदार बिल्डर एवं डेव्हलपर्स को लाभ होगा। रेरा एक्ट रियल एस्टेट में होने वाले संव्यवहार को पारदर्शी बनायेगा। उन्होंनें बताया कि विज्ञापन ओर ब्रोशर में जो-जो दावे किये जाऐंगे, उनकी पूर्ति बिल्डर्स को करनी होगी। इसी प्रकार मॉडल फ्लेट जिस तरह बनाया गया है तथा उसमें यदि ईटालियन मार्बल लगाया गया है तो वही सामग्री आवंटी के निवास में भी लगानी होगी। कार्यशाला में रेरा की बेवसाईट का लाईव डेमो भी प्रतिभागियों को दिखाया गया। रेरा एक्ट के क्रियान्वयन के बारे में जन सामान्य और रियल एस्टेट से जुड़े हुए सभी पक्षों में जागरूकता पैदा करने और उन्हें रेरा अधिनियम से परिचित कराने के लिए इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर तथा भोपाल में क्रेडाई के सहयोग से कार्यशाला करायी गयी है।
उल्लेखनिय है कि मध्यप्रदेश एक मात्र प्रदेश है जिसमें ना सिर्फ रियल एस्टेट रेगुलेरेटी अथॉरिटी (रेरा प्राधिकरण) का गठन तथा नियमों का प्रकाशन हुआ है। रेरा का बेवआधारित ऑनलाइन सिस्टम भी विकसित हो चुका है।
कार्यशाला में बताया गया कि इस एक्ट के माध्यम से रियल स्टेट सेक्टर को व्यवस्थित तथा उपभोक्ताओं के हितों की दृष्टि से और पारदर्शी, जिम्मेदार बनाया जायेगा। अथॉरिटी में उपभोक्ताओं की ओर से आने वाली शिकायतों का तेजी से निराकरण किया जायेगा। । बिल्डर तथा रीयल एस्टेट एजेन्ट अपने पंजीयन आवेदन तथा उपभोक्ता अपनी शिकायतें अथॉरिटी की वेबसाइट, www.rera.mp.gov.in पर ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं।
मध्यप्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की परिधी में वे परियोजनाऍ आयेंगी जो भविष्य में निर्मित होना प्रस्तावित है या फिर 30 अप्रैल 2017 को अपूर्ण थी अर्थात जिनको पूर्णता प्रमाण-पत्र नगर निगम द्वारा जारी नही किया गया हो। कार्यक्रम में बताया गया कि प्रमोटर्स एवं डेव्हीलपर्स को अपने प्रोजेक्ट की मार्केटिंग करने के पूर्व ही अथॉरिटी में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। वर्तमान में प्रचलित अपूर्ण रियल एस्टेट के प्रोजेक्टस् को अथॉरिटी के समक्ष तीन माह के भीतर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही प्रमोटर्स एवं डेव्हॉलपर्स को हर तीन माह में अथॉरिटी को प्रोजेक्ट की अद्यतन जानकारी देनी होगी, जिसकी फोटो युक्त जानकारी प्राधिकरण के बेवसाईट पर दर्शाई जायेगी।
बिन्दु सनील