डेंगू रोकथाम के प्रयास तेज, अब तक मिले 26 मरीज
राज्य शासन ने डेंगू नियंत्रण के प्रयास तेज कर दिये हैं। अस्पतालों में डेंगू की एंटीडोज और छिड़काव के लिये कीट नाशक दवाई टेमोफास्ट, पायरेथ्रम की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। जनवरी से अब तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में 26 प्रकरण मिले हैं। डेंगू के लक्षण मिलने पर इसकी सूचना जयप्रकाश हॉस्पिटल में बने कन्ट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर 0755-2552538 पर दें। डेंगू उपचार की व्यवस्था सभी अस्पतालों में उपलब्ध है।
डेंगू के लक्षण
डेंगू दिन में काटने वाले एडीज मच्छर से होता है। डेंगू में सामान्यत: 102 से 104 डिग्री फॉरेनहाइट तक बुखार आता है जो दो से सात दिन तक रहता है। बुखार के साथ तेज सिरदर्द, आँखों के आस-पास और माँस पेशियों में दर्द, शरीर पर चकत्ते आदि लक्षण दिखते हैं।
गंभीर डेंगू के लक्षण
डेंगू का संक्रमण बार-बार होना चिंता जनक है। गंभीर डेंगू के लक्षणों में प्रमुख रूप से हाथ और शरीर में खून के चकत्ते, मसूड़ों से खून आना और खून में प्रतिदिन प्लेटलेट्स की कमी होते जाना है। अत: ऐसे रोगी को खून की जाँच सुविधा वाले अस्पताल में तत्काल उपचार लेना चाहिये। उपचार लेने में देरी न करें।
विशेष जाँच सुविधा उपलब्ध
प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा स्थिति पाँचों शासकीय मेडिकल कॉलेज और 31 जिला चिकित्सालयों में मेक एलाइजा द्वारा डेंगू की विशेष जाँच सुविधा उपलब्ध है।
लोगों से अपील
डेंगू बुखार फैलाने वाले एडीज मच्छर घरों के पीछे, छत या परिसर में रखे पानी के कंटेनर में पैदा होते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि सीमेंट की टंकी, ड्रम, नांद, मटके, टायर, शीशी में लगाया गया मनीप्लांट, फ्रिज के नीचे रखी ट्रे आदि में लगातार पानी भरा न रहने दें। घर की छत या आंगन में ऐसी टूटी-फूटी अनुपयोगी सामग्री का ढे़र न लगायें जिसमें वर्षा जल भर जाता है।
पानी के कंटेनर पर रखें नजर
कंटेनर के पानी पर लगातार नजर रखे यदि उसमें कीड़े (लार्वा ) दिखें तो तुरंत खाली करें। लार्वा सात दिन में मच्छर बन जाते हैं। कंटेनर को सुखाकर ही पुन: पानी भरें।
सुनीता दुबे