युवा नई-नई तकनीकी खोजकर दुनिया को दें
मंत्री श्री पवैया ने किया एस.वी. पॉलीटेक्निक में इनोवेटिव मॉडल प्रदर्शनी का लोकार्पण
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि युवा नई-नई तकनीकी खोजकर दुनिया को दें। श्री पवैया ने कहा कि युवा शुरू के 30 साल किसी न किसी रूप में देश से कुछ अर्जित करता है, उसे अगले 30 साल देश के लिये कुछ करके उसे लौटाने की आवश्यकता है। श्री पवैया सरदार वल्लभ भाई पटेल पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में इनोवेटिव मॉडल प्रदर्शनी का लोकार्पण कर रहे थे। कार्यक्रम सिस्टर निवेदिता तकनीकी शिक्षा समिति भोपाल द्वारा किया गया।
मंत्री श्री पवैया ने कहा कि विद्यार्थी को सृजनशील होना चाहिये और व्यक्तित्व निखार के लिये खेल, पुस्तकालय, प्रशिक्षण सहित अन्य गतिविधियों का सहारा लेना चाहिये। उन्होंने युवाओं में आवश्यक रूप से संवेदनशीलता की भावना होने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के समय पीड़ित की सहायता करने के बदले उसका वीडियो बनाना संवेदनहीनता है।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने कहा कि युवाओं में प्रतिभा, विद्या, बुद्धि और बल की कमी नहीं है। प्रतिभा निखारने के लिये सिर्फ एक प्रेरक की जरूरत है, जो शिक्षकों को अपना दायित्व समझकर करना चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी कौशलयुक्त भारत चाहते हैं। श्री पवैया ने कहा कि रचनात्मक और तकनीकी ज्ञान के सहारे देश के युवाओं ने विदेशों की मल्टीनेशनल कम्पनियों में धाक जमा रखी है।
श्री पवैया ने कहा कि नये सत्र से विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह भारतीय परिधान में होंगे। इसकी शुरूआत अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय ने कर दी है। उन्होंने प्लेन के ऊपर वी.टी. लिखे होने का कारण बताते हुए कहा कि अंग्रेजों के समय से प्लेन पर विक्टोरियल टेरिटरी लिखा चला आ रहा है। इसके लिये उन्होंने उड्डयन मंत्रालय को पत्र भी लिखा है।
मंत्री श्री पवैया ने प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा बनाये गये मॉडलों का अवलोकन किया। उन्होंने बच्चों से बात कर उनका उत्साहवर्धन भी किया।
मेपकास्ट के महानिदेशक श्री सी.के. पाटिल ने युवाओं में प्रायोगिक ज्ञान होने की जरूरत बतायी। वास्तुविद श्री अमोघ कुमार गुप्ता ने बताया कि आने वाले समय में प्रायवेट सेक्टर में भी प्लेसमेंट गेट एक्जाम की रेंकिंग पर ही होगा।
इस मौके पर बंसल ग्रुप ऑफ साइंस के निदेशक श्री एन.के. तिवारी, डॉ. डी.के. स्वामी और संयोजक सृजन श्री प्रसन्न कुमार शर्मा उपस्थित थे।
दुर्गेश रायकवार