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मध्यप्रदेश को नेशनल जियो केमिकल मेपिंग और फिजिकल कार्य में प्राथमिकता दी जाये


 

खनिज साधन मंत्री श्री शुक्ल नई दिल्ली में ऊर्जा तथा खनिज मंत्रियों की बैठक में  
खनिज साधन, वाणिज्य-उद्योग तथा रोजगार मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने केन्द्र सरकार से नेशनल जियो केमिकल मेपिंग एवं नेशनल जियो फिजिकल मेपिंग कार्य में मध्यप्रदेश को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की भरपूर खनिज सम्पदा का विस्तृत सर्वेक्षण करने के लिये समयबद्ध कार्यक्रम तैयार करने की घोषणा की गयी है। इससे उपलब्ध खनिज संसाधनों का बेहतर एवं उचित रीति से दोहन कार्य किया जा सकेगा।

श्री शुक्ल आज नई दिल्ली में कोयला राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में राज्यों के ऊर्जा तथा खनिज मंत्रियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। खनिज मंत्री ने जिला खनिज प्रतिष्ठान, माइनिंग प्लान, ट्रांजेक्शन एडवाइजर की सेवाएँ उपलब्ध करवाने तथा कम्पोजिट लायसेंस को नीलाम किये जाने के मध्यप्रदेश द्वारा प्रेषित प्रस्तावों का शीघ्र पूर्व अनुमोदन प्रदान करने का अनुरोध भी किया।

श्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में खनिज ब्लॉक को आक्शन किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। ट्रांजेक्शन एडवाइजर कंसलटेंट एजेंसी का इम्पेनेलमेंट न होने से इनकी नियुक्ति की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। इससे इस कार्य में विलंब हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा भारत सरकार से नॉमिनेशन के आधार पर एसबीआई केम्प को ट्रांजेक्शन एडवाइजर के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव भेजा गया है। श्री शुक्ल ने भारत सरकार से इसकी सहमति देने का अनुरोध किया।

खनिज साधन मंत्री ने नीमच जिले के ग्राम केसरपुरा में स्थित चूना पत्थर खनिज को कम्पोजिट लायसेंस के रूप में नीलाम किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन देने का आग्रह किया। श्री शुक्ल ने जिला खनिज प्रतिष्ठान खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम में संशोधन का उल्लेख करते हुए बताया कि डब्ल्यूसीएल द्वारा डीएमएफ की राशि का भुगतान 12 जनवरी-2015 से न किया जाकर कोल मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना 17 अक्टूबर-2015 से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोल कम्पनी को 12 जनवरी-2015 से देय डीएमएफ की राशि का राज्य शासन को भुगतान करने के निर्देश दिये जाये। श्री शुक्ल ने अनुरोध किया कि ऐसे क्षेत्र, जिनमें मुख्य एवं गौण खनिज दोनों उपलब्ध हैं, में माइनिंग प्लान के अनुमोदन की कार्यवाही आईबीएम द्वारा ही की जाये।

100 जगह खनिज जाँच नाके स्थापित करने पर विचार

श्री शुक्ल ने कहा है कि प्रदेश में खनिजों के अवैध परिवहन पर सख्ती से रोकथाम के उद्देश्य से करीब 100 स्थान पर खनिज जाँच नाके स्थापित करने और मोबाइल एप वाहनों की जीपीएस ट्रेकिंग व्यवस्था लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन तथा परिवहन के प्रकरणों पर सख्त कार्यवाही करने के लिये वाहनों को राजसात किये जाने के प्रावधान नियमों में लाये जा रहे हैं।

श्री शुक्ल ने बताया कि वर्ष 2017-18 में 4 चूना पत्थर और एक हीरा खनिज ब्लॉक को नीलाम करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही वर्ष 2018-19 में 4 चूना पत्थर खनिज ब्लॉकों को नीलाम किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में मार्च-2017 तक 1056.82 करोड़ रुपये की राशि भी वसूल कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि इस नियम में प्रदेश के 11 जिले में स्वास्थ्य, पेयजल, स्कूल आदि के रूपये 293 करोड़ के 890 कार्य मंजूर किये गये हैं।

खनिज साधन मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जिन 31 खनिजों को गौण खनिज घोषित किया गया है, उन 31 खनिजों एवं पूर्व से घोषित गौण खनिजों को शामिल करते हुए पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन नीलाम करने के लिये मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम-2017 का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इसे शीघ्र अमल में लाया जायेगा। श्री शुक्ल ने कहा कि मुख्य खनिजों की भाँति गौण खनिजों के नक्शे भी एमएसएस के लिये सेटेलाइट इमेजनरी में अंकित करने की योजना को तैयार किया जा रहा है। गौण खनिजों की खदानों में स्टार रेटिंग के प्रावधानों को लागू करने की प्रक्रिया भी शासन-स्तर पर विचाराधीन है।

खनिजों की खोज के लिये एनएमडीसी से एमओयू

श्री शुक्ल ने कहा कि राज्य शासन द्वारा प्रदेश के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह, जबलपुर, सीधी और सागर में खनिजों के वृहद भण्डारों का पता लगाने के लिये नेशनल मिनरल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन के साथ एमओयू किया गया है। पूर्वेक्षण कार्य के लिये हीरा खनिज के 8 ब्लॉक तथा लौह अयस्क के 4 ब्लॉक आरक्षित किये जाने का निर्णय भी लिया गया है। खनिज मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पन्ना जिले में हीरा खनिज का एक कम्पोजिट लायसेंस नीलामी से स्वीकृत किया गया है। इससे भविष्य में क्षेत्र में खनि-पट्टा स्वीकृत होने पर न केवल स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा, बल्कि प्रदेश के हीरा उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी।

खनिज मंत्री श्री शुक्ल ने बताया कि पर्यावरण का संरक्षण हो तथा नुकसान न हो, इसे देखते हुए गौण खनिजों में माइनिंग प्लान का होना अनिवार्य किया गया है। नदियों के किनारे समुचित स्थानों पर रेत का खनन हो, पानी के भीतर खनन न हो और जीव-जंतुओं एवं पर्यावरण को नुकसान न हो, के लिये खनिज नीति बनायी गयी है। इसमें नदियों के किनारे सूखे स्थानों पर 3 मीटर की गहराई अथवा भूमिगत जल-स्तर की गहराई, जो भी पहले हो, तक ही रेत का खनन अनिवार्य किया गया है।

श्री शुक्ल ने कहा कि हीरा, ताम्र अयस्क, मेग्नीज उत्पादन में मध्यप्रदेश का प्रथम स्थान है। प्रदेश के छतरपुर एवं रीवा जिले में खनिज के नये भण्डारों का भी पता चला है।

मुकेश मोदी

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