स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश को सम्मान दिलाने के लिए जनता का आभार - शिवराज सिंह चौहान
स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में पूरे देश में इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है। प्रदेश की राजधानी भोपाल इस सर्वेक्षण में स्वच्छता के लिए पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। सर्वेक्षण में प्रथम 100 स्वच्छ शहरों में मध्यप्रदेश के 21 शहरों को स्वच्छता के लिए स्थान मिला है। मेरे लिए यह बहुत ही प्रसन्नता का विषय है। मैं मध्यप्रदेश को पूरे देश में यह सम्मान दिलाने के लिए मध्यप्रदेश की जनता का आभार प्रकट करना चाहता हूँ। मध्यप्रदेश को मिली इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि यदि मध्यप्रदेश की जनता तय कर ले तो वह कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकती है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 इसका प्रमाण है।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सोच और पहल के कारण देश के सभी शहरों के बीच स्वच्छता को लेकर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा कराई गई थी। इस प्रतिस्पर्धा में 434 शहरों का सर्वे कराया गया था। सर्वे में विभिन्न मापदण्डों के आधार पर शहरों को स्वच्छता के लिए अंक दिये गये थे। जिसमें डाक्यूमेन्टेशन के लिए 900, इंडिपेंडेंट आब्जर्वेशन के लिए 500 तथा जनता के फीडबैक और स्वच्छता ऐप के लिए 600, इस प्रकार कुल 2000 अंक प्रत्येक शहर के लिए निर्धारित किये गये थे। मुझे आपको यह बताते हुए बेहद खुशी है कि हमारे प्रदेश के शहर इंदौर को 1807 अंकों के साथ देश का सबसे स्वच्छ शहर और भोपाल को 1800 अंकों के साथ देश का दूसरा शहर स्वच्छता के लिए घोषित किया गया है।
मुझे आपको यह बताते हुए भी बहुत खुशी हो रही है कि मध्यप्रदेश के ही शहर रीवा को 2 से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में इंडियाज फास्टेस्ट मूविंग सिटी तथा 2 लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में खरगोन को 'इंडियाज फास्टेस्ट मूविंग सिटी' चुना गया है। इस सर्वेक्षण में हमारे प्रदेश के अन्य शहरों में उज्जैन, जबलपुर, सागर, कटनी, ग्वालियर, ओंकारेश्वर, रतलाम, सिंगरौली, छिन्दवाड़ा, सीहोर, देवास, होशंगाबाद, पीथमपुर, खण्डवा, मंदसौर, सतना, बैतूल और छतरपुर भी स्वच्छ शहरों में चुने गये हैं। इस उपलब्धि तक पहुँचने के लिए हमारे प्रदेश में ईमानदार सामूहिक प्रयास हुए हैं। इन प्रयासों में जनता, समाज, प्रशासन, चुने हुए प्रतिनिधि, महापौर, पार्षद, कलेक्टर, कमिश्नर और विशेष रूप से हमारे सभी सफाई कर्मचारियों ने बहुत मेहनत की है। इसमें हमें प्रदेश के सभी स्कूलों, महाविद्यालयों, स्वैच्छिक संगठनों, रेसीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन का भी सहयोग प्राप्त हुआ। नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय के अधिकारियों की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सभी ने अपने कर्त्तव्यों और जिम्मेदारियों का बेहतर ढंग से निर्वहन किया है। मैं सभी को हृदय से धन्यवाद देता हूँ।
हम अपने प्रयासों की निरंतरता बनाये रखना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि शीघ्र ही सम्पूर्ण मध्यप्रदेश पूरे देश में सबसे स्वच्छ राज्य के रूप में पहचाना जाये। हमने प्रदेश में 'हमारा शहर नम्बर 1' मुहिम प्रारंभ की है, जिसके हमें अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। हमने यह भी लक्ष्य तय किया है कि इसी वर्ष के अन्दर प्रदेश के सभी 379 शहरों को खुले में शौच से मुक्त करेंगे। हमारे प्रदेश के 194 शहर अभी तक खुले में शौच से मुक्त घोषित किये जा चुके हैं। इसमें से 144 का हमें प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो चुका है। शेष के लिये कार्यवाही प्रक्रिया में हैं। हमने मध्यप्रदेश के सभी 379 नगरीय निकायों में 26 क्लस्टर गठित कर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना लागू की है। इस योजना से हम शीघ्र ही सभी नगरीय निकायों को पूर्ण स्वच्छ बनाना चाहते हैं। हमारी इस योजना को प्रधानमंत्री जी द्वारा विशेष सराहना प्राप्त हुई है। प्रधानमंत्री जी को पूरे देश से अभिनव योजनाओं को चुनने के लिए 830 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं थी, जिनमें से इस योजना को 6वाँ स्थान प्राप्त हुआ था। माननीय प्रधानमंत्री जी स्वयं कई अवसरों पर इस योजना की प्रशंसा कर चुके हैं। देश के कई राज्यों ने हमारी इस योजना का अनुसरण किया है।
हम मध्यप्रदेश में प्रारंभ हुए इस स्वच्छता अभियान को निरंतर बनाये रखना चाहते हैं। आने वाले समय में हमारा प्रयास होगा कि हम देश में चुने हुए अपने सबसे स्वच्छ शहरों को तो इसी तरह स्वच्छ बनाये रखे और शेष शहरों को भी स्वच्छता के सभी मापदण्डों में इन्हीं शहरों के समकक्ष लेकर आयेंगे। हमें यह लक्ष्य प्रदेश की जनता की भागीदारी के बिना प्राप्त नहीं हो सकता है। इसलिए मैं प्रदेश की जनता, जन-प्रतिनिधियों, प्रशासन और प्रदेश के सभी सफाई कर्मचारियों से अपील करता हूँ कि आप सभी इसी तरह लगातार मेहनत करते रहें। मेरी हार्दिक इच्छा है कि हम सभी मिलकर ऐसे प्रयास करें कि मध्यप्रदेश देश का सबसे स्वच्छ प्रदेश कहलाये। आप सभी को बधाई एवं शुभकामनाएँ।