121 दिन में तय की 2802 किमी. की दूरी
नर्मदा को सदानीरा और प्रदूषणमुक्त बनाने के उद्देश्य से चल रही 'नमामि देवि नर्मदे''-सेवा यात्रा ने आज 121 दिन पूरे कर लिये। गत 11 दिसम्बर-2016 से शुरू हुई यात्रा इस अवधि में 16 जिलों के 687 गाँव, 500 ग्राम पंचायत और 51 विकासखण्ड से गुजरकर जबलपुर जिले के उत्तरी तट पर संचालित है। आज यात्रा ने जबलपुर जिले के ग्राम रामपुर चौक, बिलहरी, गौर चौराहा और सालीवाड़ा में लोगों को नर्मदा के संरक्षण के प्रति जागरूक किया।
यात्रा के दौरान अब तक 687 जन-संवाद कार्यक्रम हो चुके हैं, जिनमें 570 राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय ख्याति-प्राप्त दिग्गज और 19 लाख से अधिक लोग भाग ले चुके हैं। स्वयं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 42 स्थान पर जन-संवाद कार्यक्रम में भाग लिया, जो अपने आप में एक कीर्तिमान है। नर्मदा तट पर स्थित 16 जिलों के अलावा आसपास के जिलों से उप-यात्राएँ भी मुख्य यात्रा में शामिल हो रही हैं। अब तक ऐसी 1408 उप-यात्रा मुख्य यात्रा में शामिल हो चुकी हैं। करीब 74 हजार 772 नर्मदा सेवक यात्रा के लिये अपना पंजीयन करवा चुके हैं।
यात्रा सामाजिक चेतना के नये आयाम स्थापित कर रही है। नर्मदा को देवी मानकर भक्ति करने वाले साधु-संत जन-समुदाय को नर्मदा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिये इसमें पूजा सामग्री आदि प्रवाहित करने से रोक रहे हैं। लोगों ने प्लास्टिक के दोना की जगह पत्ते पर दीप प्रवाह करना आरंभ कर दिया है। नर्मदा तट के गाँवों को खुले में शौचमुक्त किया जायेगा, जिसका लोगों ने अभी से अनुसरण करना शुरू कर दिया है। सीवेज पानी को नदी में मिलने से रोकने के लिये प्लांट लगाये जायेंगे।
21 लाख से अधिक लोगों ने लिया नशामुक्ति का संकल्प
यात्रा के दौरान 21 लाख 62 हजार लोगों को नशामुक्ति और नर्मदा संरक्षण का संकल्प दिलवाया गया है। नर्मदा जल-धारा को अविरल बनाने के लिये वन विभाग द्वारा दोनों तट के 16 जिलों की 292 ग्राम पंचायत के 882 गाँव के एक लाख 18 हजार 85 किसान परिवार के माध्यम से एक लाख 44 हजार 377 हेक्टेयर क्षेत्र में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम की तैयारी की गयी है। तटीय ग्राम पंचायतों में 712 नर्मदा सेवा समितियों का गठन हो चुका है। दो हजार से अधिक सामाजिक और स्वयंसेवी संस्थाएँ यात्रा दल के सदस्यों की भोजन और अन्य व्यवस्था में सहयोग कर रही हैं।
सुनीता दुबे