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प्रदेश के 22 स्थान पर होंगे विभिन्न कार्यक्रम


 

राज्य संग्रहालय भोपाल में लगेगी 8 दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी 
 
विश्व धरोहर दिवस 18 अप्रैल को प्रदेश के 22 पुरातत्व संग्रहालय में प्रदर्शनी, व्याख्यान, शोध, संगोष्ठी, छायाचित्र प्रदर्शनी एवं चित्रकला प्रतियोगिता होगी। राजधानी भोपाल के राज्य संग्रहालय में विश्व धरोहर भीम बैठका के चुनिंदा शैलचित्रों पर 8 दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी और मेहताखेड़ी उत्खनन पर ढेक्कन कॉलेज पूना की प्रोफेसर शीला मिश्रा के व्याख्यान होंगे।

पुरातत्व आयुक्त श्री अनुपम राजन ने बताया कि विश्व धरोहर दिवस के मौके पर भोपाल शहर के ऐतिहासिक स्मारकों से रू-ब-रू करवाने के उद्देश्य से 18 अप्रैल को सुबह 7 बजे रानी कमलापति महल से 'हेरीटेज वॉक' शुरू होगी। वॉक हम्माम, गौहर महल, मोती मस्जिद, इकबाल मैदान, शीश महल, शौकत महल होते हुए सदर मंजिल पहुँचकर समाप्त होगी।

पुरातत्व संग्रहालयों में होंगे कार्यक्रम
जिला मुख्यालय रीवा में बौद्ध प्रतिमाओं की छायाचित्र प्रदर्शनी, तुलसी संग्रहालय रामवन जिला सतना में कांस्य प्रतिमाओं की छायाचित्र प्रदर्शनी, जिला पुरातत्व संग्रहालय शहडोल में चित्रकला प्रतियोगिता, जबलपुर में मध्यप्रदेश के किलों पर केन्द्रित छायाचित्र प्रदर्शनी, मण्डला में नन्दी प्रतिमाओं की छायाचित्र प्रदर्शनी, गूजरी महल संग्रहालय ग्वालियर में शिवलिंगम छायाचित्र प्रदर्शनी, मुरैना में भित्तिचित्रों की छायाचित्र प्रदर्शनी, भिण्ड में चित्रकला प्रतियोगिता, सागर में बुंदेलखण्ड के स्मारकों पर केन्द्रित प्रदर्शनी, दमोह में महाकाल के अदभुत श्रंगार की छायाचित्र प्रदर्शनी, धुबेला (छतरपुर) में मध्यप्रदेश के स्मारक पर केन्द्रित छायाचित्र प्रदर्शनी, पन्ना में आदिशक्ति पार्वती पर छायाचित्र प्रदर्शनी, जहाँगीर महल ओरछा (टीकमगढ़) में बुंदेलखण्ड का इतिहास एवं पुरातत्व शोध संगोष्ठी, राजगढ़ में सिक्कों की कहानी आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी, विदिशा में चित्रकला प्रतियोगिता, उज्जैन और देवास में विश्व विरासत पर व्याख्यान, मंदसौर में वाद्य यंत्रों की छायाचित्र प्रदर्शनी, बुरहानपुर में शोध संगोष्ठी और महेश्वर में मध्यप्रदेश की छत्रियाँ प्रदर्शित होंगी।

शैल चित्रों की राज्य संग्रहालय में लगेगी प्रदर्शनी
पुरातत्व आयुक्त श्री राजन ने बताया कि रायसेन जिले में भीमबैठका के शैलाश्रय विश्व का प्रसिद्ध एवं प्राचीनतम समूह हैं। भीमबैठका के चित्रित शैलाश्रय में से चुनिंदा शैलाश्रय को राज्य संग्रहालय भोपाल में छायाचित्र के जरिये प्रदर्शित किया जायेगा।

पुरातत्व आयुक्त ने बताया कि भीमबैठका के शैलाश्रय समूह में विनेका, भोनरावली, भीमबैठका, लाखाज्‍वार पूर्व, लाखाज्‍वार पश्चिम, जोन्डरा एवं मौनीबाबा की पहाड़ी आदि विंध्य की पहाड़ियों के शैलाश्रय हैं। भीमबैठका की गुफाओं में हुए पुरातत्वीय उत्खनन में निम्न पुरा-पाषाण काल से लेकर मध्य काल के पुरावशेष प्रकाश में आये हैं। श्री राजन के अनुसार गुफाओं में बने कपमार्क्स एवं चित्र आदि मानव की कला अभिरुचि के परिचायक हैं। हजारों साल के पहले के दैनिक जीवन को इंगित करते हुए दृश्य, नृत्य-दृश्य, पशु-पक्षी आदि को दिखाया गया है। यहाँ के शैलाश्रय समूह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित हैं। यूनेस्को द्वारा भीमबैठका को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है।

ऋषभ जैन

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