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प्रदेश के विकास एवं सामाजिक बदलाव के लिए सभी की सक्रिय भागीदारी हो



 

हमारे संतों ने मानव जीवन का एक मात्र लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति और लोक कल्याण बताया है। उन्होंने ईश्वर प्राप्ति के तीन मार्ग बताए हैं जिसमें एक ज्ञान मार्ग, दूसरा भक्ति मार्ग और तीसरा कर्म मार्ग है। मैं कर्म का मार्ग अपनाकर जीवनभर लोगों के समग्र विकास और कल्याण के लिए काम करता रहूँगा। यह बात मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने औबेदुल्लागंज में प्रसिद्ध साध्वी आस्था भारती की भागवत कथा के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते मेरा कार्य केवल प्रदेश का विकास करना ही नहीं है बल्कि लोगों के सुख और कल्याण की चिंता करना भी है। लोगों की उन्नति और तरक्की के लिए मैं जीवनभर काम करता रहूँगा। श्री चौहान ने कहा कि कर्म मार्ग द्वारा ईश्वर प्राप्ति का आशय यह है कि डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, व्यापारी, राजनीतिज्ञ आदि सभी लोगों को, जो जिस पेशे में है वह अपना कार्य पूरी ईमानदारी और निष्ठा से लोक कल्याण के लिए करें। कर्म के इस मार्ग से भी ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के स्वस्थ्य और सुखद भविष्य के लिए नदियों और पर्यावरण का संरक्षण करना होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा सेवा अभियान एक बहु-उद्देश्यीय अभियान है, जिसे जनता की सक्रिय भागीदारी से सफल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा के दोनों तटों पर एक-एक किलोमीटर की दूरी तक सघन वृक्षारोपण किया जायेगा। श्री चौहान ने बताया कि 2 जुलाई को लाखों लोग नर्मदा के तट पर करोड़ों पेड़ लगायेंगे। उन्होंने कहा कि नर्मदा में मिल रहे दूषित जल को रोकने के लिए कार्य-योजना बनाई जा रही है। नर्मदा तट के सभी गाँवों में मुक्तिधाम और शौचालय बनाये जा रहे हैं। नर्मदा घाटों पर स्नान के लिए आने वाली माता-बहनें सम्मानजनक ढंग से वस्त्र बदल सके, इसके लिए चेंजिंग-रूम भी बनाये जायेंगे।

आर.एस. मीणा

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