मछली पालन तालाब बनाने वाले सभी वर्गों को 50 प्रतिशत अनुदान
उज्जैन | मछली पालन के लिए अपनी भूमि पर नवीन तालाब निर्माण करने वाले सभी वर्गों के लोगों को अब निर्माण इकाई लागत 7 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर पर 50 प्रतिशत (3.50 लाख रू.) अनुदान मिलेगा। अनुदान अधिकतम 2 हेक्टेयर तालाब तक देय होगा। अब तक निजी भूमि में नवीन तालाब निर्माण इकाई लागत 3 लाख रू प्रति हेक्टेयर थी। इस पर सामान्य वर्ग को 20 प्रतिशत अधिकतम 60 हजार रू, अनुसूचित जाति-जन जाति को 25 प्रतिशत अधिकतम 75 हजार रू अनुदान की पात्रता थी। यह अनुदान अधिकतम 5 हेक्टेयर के तालाब निर्माण पर देय था। यह जानकारी मछुआ कल्याण तथा मत्स्य-विकास मंत्री श्री अंतर सिंह की अध्यक्षता में भोपाल में हुई परामर्शदात्री समिति की बैठक में दी गयी। बैठक में प्रमुख सचिव श्री विनोद कुमार, संचालक श्री ओ. पी. सक्सेना और मत्स्य महासंघ के प्रबंध संचालक श्री सतीश सिलावट भी मौजूद थे।
मंत्री श्री आर्य ने निजी तालाबों का मत्स्य उत्पादन डाटा संग्रहण करने को कहा। बैठक में बताया गया कि मत्स्य महासंघ के 22 जलाशयों में वर्ष 2015-16 में 10 हजार 735 मीट्रिक टन मत्स्य-उत्पादन हुआ। प्रदेश की उत्पादकता राष्ट्रीय उत्पादकता 12.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के मुकाबले 54 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रही। इसमें भी गाँधी सागर की मत्स्य-उत्पादकता 119 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रही। बताया गया कि अब तक 13 निषादराज मंगल भवन और 2284 मछुआ आवासों का निर्माण पूर्ण हो गया है।