भस्मारती में आवेदन पर शुल्क वसूलने के निर्णय का विरोध, देशभर के मंदिरों में दर्शनार्थियों को दी जा रही सुविधाएं और महाकाल में दर्शन के नाम पर रूपये लेगी समिति
उज्जैन। 1 अप्रैल से भस्मारती के आवेदनों पर 10 से लेकर 100 रूपये तक का टैक्स लगाने के महाकाल मंदिर समिति के तुगलकी निर्णय का कांग्रेसियों ने कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस नेता विवेक यादव के नेतृत्व में कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर कांग्रेसियों ने इस निर्णय को लागू नहीं करने की मांग की। साथ ही कहा कि एक ओर तो देशभर के मंदिरों में निःशुल्क प्रसाद, रहने की व्यवस्था अन्य सुविधाएं दी जाती है दूसरी ओर महाकाल मंदिर समिति दर्शन के नाम पर दर्शनार्थियों से रूपये वसूलने की तैयारी कर रही है। यदि शुल्क वसूला गया तो जनसाधारण के साथ उग्र आंदोलन किया जाएगा।
विवेक यादव ने कहा कि 1 अप्रैल से मंदिर समिति द्वारा भस्मारती के ऑनलाइन आवेदन पर 100 रूपये तथा या ऑफलाइन आवेदन पर 10रूपये का शुल्क लिया जाएगा। मंदिर समिति के इस धर्म विरोधी निर्णय का पुरजोर विरोध किया जाएगा जब तक यह शुल्क वापस नहीं लिया जाता आंदोलन जारी रहेगी। यादव ने कहा कि धर्म और संस्कृति की दुहाई देने वाली भाजपा सरकार भगवान के दर्शन पर भी टेक्स लगा रही है। महाकाल मंदिर को कमाई का जरिया बनाने की ऐसी कोशिशों से मुख्यमंत्री शिवराज का महाकाल प्रेम केवल दिखावा मात्र प्रतीत हो रहा है। महाकाल मंदिर और यहां होने वाली भस्मारती विश्व में प्रसिद्ध है इसके दर्शन हेतु देश ही नहीं पूरे विश्व से दर्शनार्थी उज्जैन आते हैं। मंदिर समिति द्वारा दर्शन के आवेदन पर शुल्क लेने से उनके मन पर उज्जैन की विपरीत छवि बनेगी। राजेश तिवारी ने बताया की ज्ञापन के माध्यम से विरोध दर्ज कराया है। सोमवार को हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा तथा उज्जैन में जन जागरण फैलाकर महाकाल के भक्तों से इस शुल्क को वापस लेने के लिए आंदोलन में सहभागिता की अपील की जाएगी। मंदिर समिति अगर निर्णय वापस नहीं लेती है तो उग्र आंदोलन भी किए जाएंगे। इस अवसर पर अरूण वर्मा, राजेश बाथली, संचित शर्मा, प्रीतेश शर्मा, अम्बर माथूर, जगदीश सूर्यवंशी, शिवराजंिसह चन्द्रावत, दिलीप मण्डावरिया, दर्शन ठाकुर, आलोक बोस, विक्की मालवीय, भवर मालवीय, बलराम परिहार, विकास पांचाल, शेरंिसह चैहान सहीत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।