प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में डायलिसिस की सुविधा शुरू
उज्जैन । प्रदेश के 51 जिला चिकित्सालयों में डायलिसिस की सुविधा शुरू की गयी है। लगभग 52 हजार मरीजों के डायलिसिस किये गये हैं। बीपीएल मरीजों को नि:शुल्क और एपीएल मरीजों को 500 रुपये में यह सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही है। प्रदेश के 46 जिलों में डायलिसिस क्लीनिक नोवो-नारडिस्क एजुकेशन फाउण्डेशन बैंगलुरु और 4 जिले में नोर्वाटिस संस्था मुम्बई के सहयोग से नि:शुल्क प्रचार-प्रसार और परामर्श दिया जा रहा है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री शरद जैन ने यह जानकारी दी है।
राज्य मंत्री श्री जैन ने बताया कि प्रदेश में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा शासकीय चिकित्सालयों में 48, सिविल अस्पतालों में 32, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 16 और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 5 प्रकार की नि:शुल्क जाँच की सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही है। कैंसर मरीजों की कीमोथैरेपी उपचार 51 जिलों के 55 चिकित्सालयों में करने के लिये 105 स्टॉफ नर्सों को प्रशिक्षित किया गया है। सभी जिलों में 606 संजीवनी, 108 एम्बुलेंस वाहन संचालित हैं। इस वर्ष कुल 9 लाख 25 हजार 995 मरीजों को आपातकालीन स्थिति में परिवहन की सुविधा उपलब्ध करवायी गयी। मध्यप्रदेश राज्य बीमारी सहायता निधि से 21 चिन्हित बीमारी पीड़ित श्रेणी को 25 हजार से 2 लाख रुपये तक सहायता दी जा रही है।
बताया गया कि मुख्यमंत्री बाल ह्रदय उपचार योजना में नवजात से 18 वर्ष के बच्चों का उपचार कर लाभान्वित किया जा रहा है। वर्ष 2016-17 में जनवरी 2017 तक 2214 बच्चों का उपचार किया गया। मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में जनवरी 2017 तक 415 हितग्राही को लाभान्वित किया गया। राज्य-स्तरीय मिशन इन्द्रधनुष में वर्ष 2016-17 में 17 लाख 21 हजार बच्चों एवं 5 लाख 6 हजार गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। अप्रैल-मई 2016 में 44 हजार ग्राम स्तरीय महिला स्वास्थ्य शिविरों में 3 लाख गर्भवती महिलाओं सहित 17 लाख महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। परीक्षण के बाद 150 महिलाओं को ब्लड ट्रांसफ्यूजन एवं 15 हजार महिलाओं को आयरन सुक्रोज इंजेक्शन एवं 3 लाख गर्भवती महिलाओं को कृमिनाशक गोलियाँ दी गयीं।
बताया गया कि स्वास्थ्य सेवाओं में आई.टी. के माध्यम से अनमोल योजना में एएनएम द्वारा समुदाय में दी जा रही सेवाओं का टेबलेट के जरिये रियल टाइम संधारण एवं अनुश्रवण किया जा रहा है। चेतना एप के माध्यम से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध है। जीआईएस पोर्टल के माध्यम से विभाग की ग्रामीण और शहरी संस्थाएँ जीआईएस मानचित्र पर प्रदर्शित की जा रही हैं। नर्सिंग सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की निगरानी के लिये मोबाइल आधारित मॉनीटरिंग एप्लीकेशन तैयार किया गया है। एचआरएमआईएस मोबाइल एप्लीकेशन में स्वास्थ्य कर्मचारियों के मानव संसाधन प्रबंधन के लिये ऑनलाइन एप्लीकेशन विकसित किया गया है।