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जिनका कोई संबल नहीं उनकी उम्मीद की किरण है महिला आयोग


राज्य महिला आयोग स्थापना दिवस समारोह में महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनिस 

अन्याय और अत्याचार से पीड़ित जिन महिलाओं का कोई संबल नहीं है, उनके लिये राज्य महिला आयोग उम्मीद की किरण है। यह बात आज महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने आयोग के स्थापना दिवस समारोह में कही। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि हमारी सोच, स्वभाव, जीवन-शैली में पश्चिमी सभ्यता का गहरा प्रभाव हो गया है। हमें केवल अच्छी बातें ग्रहण करते हुए भारतीय परम्परा, दर्शन और संस्कृति के अनुसार जीना चाहिए। विश्व में जीवन की गहराई की समझ सबसे अच्छी भारत में है। कार्यक्रम में बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष श्री रघुवेन्द्र शर्मा, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य श्रीमती सुधा मलैया, पूर्व समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष श्रीमती ऊषा चतुर्वेदी भी थीं।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती लता वानखेड़े ने कहा कि आयोग ने अपनी स्थापना के 19 वर्ष पूरे कर लिये हैं। पिछले एक वर्ष में 5900 प्रकरणों का निराकरण हो चुका है। आयोग भोपाल में और विभिन्न जिलों में बेंच लगाकर प्रकरणों का त्वरित निराकरण कर रहा है। केवल वही प्रकरण लंबित हैं, जिनमें जाँच प्रतिवेदन पूरे नहीं प्राप्त हुए हैं। आयोग प्रदेश के विभिन्न जिलों में महिलाओं से जुड़ी संस्थाओं का निरीक्षण कर अपनी अनुशंसाएँ शासन को दे रहा है। श्रीमती वानखेड़े ने बताया कि एक प्रकरण में, जहाँ एक परिवार अपनी पोती के जन्म के कारण माँ और बेटी दोनों की जान का दुश्मन बन गया था, आयोग की समझाईश से संपत्ति में से आधा हक बहू और पोती को मिला है।

आयोग ने उत्कृष्ट कार्यों के लिये वरिष्ठ समाज सेविका डॉ. मीना पिम्पलापुरे, श्रीमती सुधा मलैया, सुश्री सरिता देशपांडे, श्रीमती मीरा भार्गव, श्रीमती गीता शर्मा, श्रीमती मीरा एंथोनी, लोको पायलट सुश्री भावना, श्रीमती शिवानी सैनी, श्रीमती निर्मला चौहान और आयोग के कर्मचारियों का शॉल-श्रीफल और स्मृति-चिन्ह देकर सम्मानित किया।

सुनीता दुबे

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