अमर शहीद हेमू कालानी की जयंती पर सुनाए संस्मरण-भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरू को याद कर पुष्पांजलि अर्पित
उज्जैन। 23 मार्च 1923 को सिंध के सख्खर में जन्मे शहीद हेमू कालानी की गतिविधियां सात साल की उम्र से ही अंग्रेजी शासन खिलाफ हो गई थी। वे किशोरवय में ही अपने साथियों के साथ स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े थे। 21 जनवरी 1943 को उन्हें फांसी दे दी गई, फांसी से पहले उनसे आखिरी इच्छा पूछी गई तो उन्होंने भारतवर्ष में फिर से जन्म लेने की इच्छा जाहिर की और इंकलाब जिंदाबाद, भारत माता की जयकारे के साथ फांसी के फंदे पर झूल गए।
शहीद हेमू कालानी के जीवन के उक्त संस्मरण गुरूवार को सिंधी काॅलोनी स्थित शहीद हेमू कालानी उद्यान में उनके जन्म जयंती दिवस पर आयोजित पुष्पांजलि समारोह में अतिथियों ने सुनाए। 23 मार्च को हेमू कालानी की जयंती होने के साथ ही इसी दिन भगतसिंह, सुखदेव तथा राजगुरू का शहीदी दिवस होने पर उन्हें भी याद कर शहीदों के जयकारे लगाए गए। गोपाल बलवानी के अनुसार इस अवसर महापौर मीना जोनवाल, शिवा कोटवानी, रमेश सामाधानी, रमेश राजपाल, महेश सितलानी, कार्यक्रम संयोजक सुनील नवलानी, महेश परियानी, गोपाल बलवानी, रूप पमनानी, तीर्थ रामलानि, पार्षद रिंकू बेलानि, प्रेमलता बेंडवाल, राम भागवत, केशव नगर मंडल अध्यक्ष सुनील भदौरिया, अर्जुन रोचवानी, दीपक बेलानी, महेश गंगवानी, तुलसी राजवानी, लालचंद आहूजा, नरेश धनवानी, श्रीकांत माखिजानी, पुष्पा कोटवानी, मोना चावला, विशाल कृष्णानी, संजय आहूजा, सोनू खत्री, दीपक वाधवानी, धर्मेन्द्र खूबचन्दानी, हरीश टेकवानी, किशोर मुलांनी, दीपक ज्ञानचंदानी, विजय भागवानी, जीतेन्द्र कृपलानी, जयेश आहूजा, सुनील माखीजा आदि ने पुष्पांजलि अर्पित की। संचालन अरुण रोचवानी ने किया।