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विक्रमोत्सव का दूसरा दिन मातृशक्ति को समर्पित भव्य कलश यात्रा निकाली गई



    उज्जैन । सात दिवसीय विक्रमोत्सव का दूसरा दिन मातृशक्ति को समर्पित रहा। शहर के दशहरा मैदान एलआईसी तिराहा से विक्रमोत्सव के अन्तर्गत भव्य कलश यात्रा निकाली गई। इसमें श्री राजेश कुशवाह, श्री प्रशान्त पौराणिक, श्री आरसी ठाकुर व श्री मुकेश कुमार शाह सहित विशाल संख्या में महिलाएं व छात्राएं सम्मिलित हुए। श्री राजेश कुशवाह ने कहा कि उज्जैन में आयोजित विक्रम उत्सव सम्पूर्ण भारतवर्ष में अपनी एक अलग पहचान रखता है। इसका स्वरूप अखिल भारतीय स्तर पर और ज्यादा विस्तारित हो रहा है। पूरे उज्जैन शहर में सात दिवसीय विक्रम उत्सव के दौरान आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में मातृशक्ति को ध्यान में रखते हुए यह कलश यात्रा निकाली गई है। सम्राट विक्रमादित्य के ऐतिहासिक गरिमा और कीर्ति को जन-जन से रूबरू कराने के उद्देश्य से ही विक्रमोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

‘शंखोद्धार’ का लोकार्पण हुआ
    कलश यात्रा निकाले जाने के पूर्व माधव नगर स्थित एलआईसी बिल्डिंग के पास श्री कावेरी शोध संस्थान उज्जैन व अश्विनी शोध संस्थान महिदपुर के संयुक्त तत्वावधान में अध्ययन, ज्ञान और साहित्य के केन्द्र वाचनालय ‘शंखोद्धार’ का लोकार्पण किया गया। ‍विधायक डॉ.मोहन यादव द्वारा यह लोकार्पण कार्यक्रम संयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान श्रीमती स्नेहलता श्यामसुन्दर निगम, विभागाध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास डॉ.आरसी अहिरवार, निदेशक अश्विनी शोध संस्थान डॉ.आरसी ठाकुर, निदेशक महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ डॉ.भगवतीलाल राजपुरोहित मौजूद थे।

    उल्लेखनीय है कि शंखोद्धार वाचनालय में प्राचीन साहित्य व उस काल की दुर्लभ मुद्राएं, सिक्के, मोहरें रखे गये हैं, जिससे विद्यार्थी व शोधार्थी उज्जैन के प्राचीन इतिहास का अध्ययन सुलभता से कर सकेंगे। डॉ.आरसी अहिरवार ने कहा कि पुस्तकालय ज्ञान का प्रतीक है और इसका सतत संचालन होता रहेगा। यहां ऐसी दुर्लभ मुद्राएं व पुस्तकें मौजूद हैं, जो अन्यत्र कहीं नहीं मिलेंगी। विद्यार्थी इसका भरपूर लाभ लें।

    डॉ.भगवतीलाल राजपुरोहित ने कहा कि शंखोद्धार कावेरी व अश्विनी शोध संस्थान के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। इस पुस्तकालय में कई विषयों पर आधारित पुस्तकें मौजूद हैं। इसके साथ ही पुरातात्विक महत्व की मुद्राएं भी अश्विनी शोध संस्थान द्वारा यहां उपलब्ध कराई गई हैं। डॉ.आरसी ठाकुर ने कहा ‍कि कावेरी शोध संस्थान के संस्थापक स्व.डॉ.श्यामसुन्दर निगम द्वारा इस वाचनालय का नाम शंखोद्धार प्रस्तावित किया गया था। उन्हीं के मार्गदर्शन व विधायक डॉ.मोहन यादव के प्रयासों से आज इसे मूर्तरूप मिला है। इस अवसर पर उन्होंने सभी को अपनी ओर से शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम का संचालन प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय के डॉ.मुकेश कुमार शाह द्वारा किया गया व आभार श्री प्रशान्त पौराणिक द्वारा व्यक्त किया गया।

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