जिले में झींगा पालन मछुआरों के लिये बनेगा अतिरिक्त आय का साधन
कटनी | जिले में मछुआरों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की दिशा में मत्स्य विभाग द्वारा एक प्रयास झींगा पालन के रुप में किया जा रहा है। इससे भविष्य में जिले में झींगा पालन मछुआरों के लिये अतिरिक्त आय का साधन बनेगा। रूक्रवार को मत्स्य विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ से मंगाये गये मैकोबेन्कियम रोजनवकी जाति के झींगा बीजों का वितरण सुरकी डैम में किया गया।
छत्तीसगढ़ से मंगाये गये इन बीजों को जिलें में पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों एवं मछुआ समूहों को वितरित किया गया। मत्स्य विभाग द्वारा 11600 बीजों का संचयन के लिये सहकारी समितियों और मछुआ समूहों को बीज वितरित किये गये। सहायक संचालक मत्स्य विभाग अजय केलकर ने बताया कि झींगा बीज के संचयन के 6 माह की अवधि में 200 से 250 ग्राम का झींगा प्राप्त होता है। झींगा में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन एवं विटामिन्स उपलब्ध होता है। जिले में पहली बार झींगा बीज का संचयन किया जा रहा है। मछली के साथ-साथ झींगा पालन से एक सुनिश्चित आय प्राप्त होगी। जिससे जिले में मछुआ समूहों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। वर्तमान में झींगा बाजार मूल्य 800 से 1200 रुपये प्रतिकिलो है।