विक्रम उत्सव आयोजन के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गई
उज्जैन । आगामी 22 मार्च से 28 मार्च तक उज्जैन में आयोजित होने वाले विक्रमोत्सव आयोजन के सम्बन्ध में एक बैठक मेला कार्यालय सभाकक्ष में आज सम्पन्न हुई। बैठक में विक्रमोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष तथा विधायक डॉ.मोहन यादव, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, अपर कलेक्टर श्री नरेन्द्र सूर्यवंशी तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में विक्रम उत्सव आयोजन के दिन-प्रतिदिन आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों को दायित्व सौंपे। विधायक डॉ.मोहन यादव ने गरिमामय आयोजन के सन्दर्भ में दिशा-निर्देशित किया।
बताया गया कि 22 मार्च को विक्रम कीर्ति मन्दिर में शाम 7 बजे विक्रमोत्सव का उद्घाटन होगा। इसी तिथि को विक्रम संवत एवं काल की अवधारणा विषय पर शोध संगोष्ठी तथा अश्विनी शोध संस्थान महिदपुर के द्वारा सील-सिक्कों की प्रदर्शनी का आयोजन त्रिवेणी कला संग्रहालय उज्जैन में 28 मार्च तक किया जायेगा। 23 मार्च को श्री कांवेरी शोध संस्थान द्वारा महिला कलश यात्रा, 24 मार्च को भारतीय संस्कृति में विक्रमादित्यकालीन चित्रकला प्रतियोगिता, 25 मार्च को विक्रम अलंकरण की सात विधाओं का पुरस्कार वितरण जाल सेवा निकेतन में होगा। 25 से 26 मार्च को विक्रमादित्य महानाट्य का मंचन विशाला लोकहित सांस्कृतिक समिति के द्वारा श्री जाल सेवा निकेतन स्कूल प्रांगण फ्रीगंज में होगा। 26 मार्च को महाकालेश्वर प्रवचन हॉल में वेद अंताक्षरी एवं संगोष्ठी अनुष्ठान मण्डपम ज्योतिष अकादमी द्वारा किया जायेगा। 27 मार्च को दत्त अखाड़ा शिप्रा तट पर मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन एवं पार्श्व गायन विक्रमादित्य अलंकरण पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। 28 मार्च को प्रात:काल सूर्य अर्ध्य दत्त अखाड़ा घाट पर होगा। रात्रि में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन टॉवर चौक फ्रीगंज में होगा।
बैठक में नगर निगम को रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट, राणोजी की छत्री की सफाई, शिप्रा नदी की सफाई, समतलीकरण, चूना लाइन, पेयजल टेंकर व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था, विकास प्राधिकरण को मंच निर्माण में सहयोग व घाटों पर स्थित मन्दिरों की पुताई, स्वास्थ्य विभाग को चिकित्सा सुविधा, डीडीटी पावडर छिड़काव, विद्युत विभाग को जाल सेवा निकेतन स्कूल मैदान व शिप्रा तट पर जनरेटर व विद्युत व्यवस्था, पुलिस विभाग को यातायात एवं पुलिस व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा शिप्रा घाट पर बेरिकेट, तैराक, बोट चालन आदि जिम्मेदारी सौंपी गई।