विधवा महिलाओं को पुनर्विवाह के बाद भी पेंशन मिले
उज्जैन। पति के निधन के बाद पेंशन प्राप्त कर रही विधवा महिला द्वारा पुनर्विवाह करने पर भी वह पेंशन उसे मिलती रहे, इस मांग को लेकर गायत्री परिवार की बहिनों ने एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर प्रतिनिधि को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि विधवा विवाह में यह एक बड़ी अड़चन है जिसे दूर किया जाए।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित महिला सम्मेलन में गायत्री परिवार की बहिनों ने मुख्यमंत्री के नाम एक अनुरोध ज्ञापन को पारित किया था। जिसे गुरूवार को गायत्री परिवार की बहिनों ने कार्यालय में कलेक्टर के प्रतिनिधि को सौंपा। ज्ञापन में मुख्यमंत्री को भाई साहब सम्बोधित करते हुए निवेदन किया गया कि सरकारी कर्मचारी की विधवा यदि पुनर्विवाह करती है तो उसे मिलने बाली पेंशन बंद कर दी जाती है, जो विधवा के पुनर्विवाह की सबसे बड़ी बाधा बन जाती है। गायत्री परिवार की उर्मिला तोमर, माधुरी सोलंकी, नीति टंडन, संध्या पुरोहित, संजना मेहरा, जिला समन्वयक देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, रमेशचंद्र लेबे, एम.एल. रणधबल ने ज्ञापन सौंपकर मांग की कि पुनर्विवाह करने पर भी परिवार पेंशन विधवा महिला को मिलती रहे। इस ज्ञापन पर 140 से अधिक बहिनों ने हस्ताक्षर किए। परिवार की अन्य शाखाओं बड़नगर, नागदा, खाचरौद, तराना की बहिनों ने अपने तहसील मुख्यालय पर संबंधित एस.डी.एम को इसी तरह का ज्ञापन सौंपा।