आचार्य नवरत्नसागर सूरीश्वरजी मसा का 74 वां जन्मोत्सव उल्लास से मना-गुजरात, राजस्थान सहित मध्यप्रदेश के कई शहरों से गुरूभक्त आए
उज्जैन। मालव भूषण आचार्य नवरत्नसागर सूरीश्वरजी म.सा. का ७४वां जन्मोत्सव श्वेतांबर जैन समाज ने भक्तिभाव व उल्लासपूर्ण वातावरण मंे मनाया। अरविंद नगर स्थित महाकाल परिसर मंे मुंबई के गायक नरेंद्र वाणिगोता व अहमदाबाद के त्रिलोक मोदी ने गुरू भक्ति का ऐसा गुलाल उड़ाया की हर कोई इसमंे सराबोर होकर निहाल हो गया। महोत्सव मंे गुजरात, राजस्थान सहित मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों के गुरूभक्त शामिल हुए। इससे पूर्व खाराकुंआ पेढ़ी मंदिर से जूलूस निकला, जिसमंे समाजजन गुरू नवरत्नसागर के जयकारे लगाते चले।
सकल श्वेतांबर जैन श्रीसंघ, जैन श्वे. मालवा महासंघ व नवरत्न परिवार के संयोजन में तथा गुरूदेव के कृपापात्र शिष्य आचार्य विश्वरत्नसागरजी मसा व मुनिराज आदर्शरत्न सागरजी की निश्रा मंे आयोजित समारोह में नवरत्न महिला मंडल की सदस्याआंे ने दीपक हाथांे मंे लेकर गुरूभक्ति आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। खाराकुंआ पेढी सचिव जयंतिलाल तेलवाला व मीडिया प्रभारी राहुल कटारिया के अनुसार मंत्री पारस जैन, जीरावला पाश्र्वनाथ ट्रस्ट महासचिव प्रकाश संघवी, राजस्थान के पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र वशिष्ठ बतौर अतिथि शाामिल रहे। श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढी ट्रस्ट अध्यक्ष महेंद्र सिरोलिया, ट्रस्टी गौतमचंद धींग, अवंतिपाश्र्वनाथ मारवाडी समाज ट्रस्ट से पुखराज चैपडा, नयापुरा श्रीसंघ से अभय मेहता, नागेश्वर पाश्र्वनाथ ट्रस्ट अध्यक्ष नरेश भंडारी, बडा उपाश्रय ट्रस्ट से राजेश पटनी, फ्रीगंज संघ से संजय नाहर आदि ने गुरू गुणानुवाद किया। इस दौरान विनोद बरबोटा, प्रसन्न जैन, अभय जैन भैय्या, राजेश डगवाला, संतोष सर्राफ, चंद्रप्रकाश जैन, अशोक मिर्चीवाला, संजय खलीवाला, बबलू भंसाली, सुभाष कोठारी आदि मौजूद रहे।
गुजरात की तरह साधु-साध्वी के लिए पैदल मार्ग बनें
जीरावला पाश्र्वनाथ ट्रस्ट महासचिव प्रकाश संघवी ने मंच से बताया की गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गुजरात मंे साधु-साध्वियों के पैदल विहार के लिए पगडंडी रास्ते बनवाने का काम शुरू किया है। कई बार मुख्य मार्गों पर साधु भगवंत दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। संघवी ने मप्र में भी इस तरह के प्रयास शुरू कराने की मांग मंत्री जैन से रखी। इस पर उन्होंने कहा कि सीएम से चर्चा कर इस दिशा में काम करेंगे। प्रमुख तीर्थ टू तीर्थ ऐसे रास्ते बनना चाहिए।
महान तपस्वी थे गुरूवर, जो सदा रहेंगे दिलांे मंे
आचार्य विश्वरत्नसागर जी मसा ने गुरूवार के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। वे बोलें महान तपस्वी आचार्य भले ही प्रत्यक्ष मंे नहीं लेकिन वे भक्तों के दिलांे में सदा विराजमान रहेंगे। आचार्यश्री ने अगले चातुर्मास के लिए मंदसौर श्रीसंघ को रजा दी। साल 2017 का चातुर्मास वहीं होगा।