उज्जैन के चिमनगंज स्थित कृषि उपज मंडी में वस्त्र वितरण समारोह
श्री शनिधाम ट्रस्ट का गरीबी उन्मूलन एवं वस्त्र वितरण अभियान
परमहंस दाती महाराज के सानिध्य में समारोह का आयोजन हुआ
श्री शनिधाम ट्रस्ट द्वारा 500 से अधिक लोगों को दिए गए कंबल
सेवा परमो धर्मः - परमहंस दाती महाराज
दान लेने वाला, दान देने वाले से महान - परमहंस दाती महाराज
भारत माता के चरणों में जीवन अर्पित करना ही परम साध्य - परमहंस दाती महाराज
उज्जैन। श्री सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम पीठाधीश्वर सद्गुरु शनिचरणानुरागी श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर परमहंस दाती महाराज (स्वामी निजस्वरूपानंदपुरीजी) की प्रेरणा से श्री शनिधाम ट्रस्ट द्वारा शुक्रवार को भी500 से अधिक विधवा, बुजुर्ग, गरीब, असहाय एवं निशक्तजनों को कंबल प्रदान किए गए। ट्रस्ट के जनजागरण, गरीबी उन्मूलन एवं वस्त्र वितरण अभियान के अंतर्गत उज्जैन के चिमनगंज स्थित कृषि उपज मंडी में आयोजित समारोह के दौरान दातीश्री ने उज्जैन और उसके आसपास के इलाकों के जरूरतमंदों को कंबल प्रदान किए। दातीश्री ने लाभार्थियों के साथ काफी वक्त बिताया और उनका हाल भी जाना। दरअसल, दाती महाराज के सानिध्य में पिछले पांच दिनों से मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन और झाबुआ जैसे जिलों में दीन-दुखियों को कंबल और अन्य ऊनी वस्त्रों के वितरण का सिलसिला जारी है। दाती महाराज द्वारा कंबल प्राप्त करने वालों की खुशी का ठिकाना नहीं है। लाभार्थी खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। सभी दातीश्री को कोटि-कोटि धन्यवाद दे रहे हैं और परमात्मा से महाराजश्री की लंबी आयु की कमना कर रहे हैं। दाती महाराज की प्रेरणा से श्री शनिधाम ट्रस्ट गरीबों एवं असहायों की सेवा में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता। लिहाजा, देशभर में उस प्रकार से समारोहों का आयोजन कर उन्हें गर्म कपड़े, स्कूली बच्चों को स्वेटर और पाठ्य सामग्रियां और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के बीच निःशुल्क अन्न, कपड़े और दवाइयां वितरित की जा रही हैं। दीतीश्री और ट्रस्ट का उद्देश्य दीन-दुखियों की पीड़ा को हरना, उन्हें संबल और सम्मान प्रदान करना तथा समाज के मुख्य धारा में लाना है।
सेवा परमो धर्मः - परमहंस दाती महाराज
समारोह को संबोधित करते हुए परमहंस दाती महाराज वे कहा कि समाज सेवा एक ऐसा कार्य है, जिससे हमारे मन को शांति मिलती है। हम भले ही कितने अमीर क्यों न हों, लेकिन जो सुख हमें दूसरों की सेवा या समाज सेवा करने में मिलता है, वो सुख सारे सुखों से अलग होता है। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म शास्त्रों में भी वर्णित है 'सेवा परमो धर्मः' और अगर यह भावना सभी मानव के ह्रदय में व्याप्त हो जाए तो मानव जीवन को सार्थकता मिल जाएगी और जरुरतमंदों को जीवन। दातीश्री ने कहा कि गरीबों और पीड़ितों की सेवा ही सच्चे मायने में परमात्मा की पूजा है। दीन-हीनों के प्रति करूणा और दया से ही देवताओं के दर्शन होते हैं। पीड़ित मानवता की सेवा करने वालों पर ईश्वर की अनुकंपा बरसती है। क्योंकि दीन-दुखियों में ही भगवान का निवास हैं। दरिद्र ही नारायण हैं, इसलिए हम सभी को उनकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
दान लेने वाला, दान देने वाले से महान - परमहंस दाती महाराज
परमहंस दाती महाराज ने कहा कि दान लेने वाला, दान देने वाले से महान होता है। क्योंकि वह दानदाता को पुण्य कमाने का मौका देता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को स्वार्थ की गठरी का त्याग कर निःस्वार्थ भाव से राष्ट्र और राष्ट्रवासियों की सेवा करनी चाहिए। निःस्वार्थ सेवा से अंतःकरण शुद्ध होता है। दातीश्री ने कहा कि उनका कर्तव्य बनता है कि वे अपने राष्ट्र, मातृभूमि और बुजुर्ग माताओं की सेवा करें। उन्होंने यह भी कहा कि ये बुजुर्ग महिलाएं उनकी माता के समान हैं और माता-पिता की सेवा करने से बड़ा पुण्य इस संसार में कोई और नहीं है। यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें इन बुजुर्ग माताओं की सेवा का अवसर मिलता है। परमहंस दाती महाराज ने इस अवसर पर देशवासियों से कन्या भ्रूण संरक्षण, अन्न, जल एवं पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण तथा बालिका शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वच्छता में हर संभव सहयोग करने का आह्वान भी किया।
भारत माता के चरणों में जीवन अर्पित करना ही परम साध्य - परमहंस दाती महाराज
दाती महाराज ने कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ भी नहीं होता, लिहाजा राष्ट्र की सेवा करना हर व्यक्ति का कर्तव्य होना चाहिए। हर धर्म और संप्रदाय के लोगों को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। जातिवाद, प्रांतवाद और संप्रदायवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की बात करनी चाहिए। सभी को देश हित में कार्य करना होगा, तभी यह देश विकसित और देशवासी खुशहाल होंगे। दातीश्री ने कहा कि कर्मठ बनकर ही जीवन-यापन की इच्छा बनी रहे,परमात्मा से मेरी यही प्रार्थना है। उन्होंने कहा कि अपने जीवन को इच्छारहित भाव से भारत माता के चरणों में अर्पित करना ही उनका परम साध्य है।
समारोह में ये भी हुए शामिल
समारोह में श्रीमहंत श्रद्धापुरीजी महाराज, श्रीमहंत राधे-श्यामपुरीजी महाराज, मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पारस जैन, उज्जैन कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष बहादुर सिंह, उपाध्यक्ष शेरु पटेल वुरमुंडला, संचालक विक्रम सिंह पटेल, मंडी व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप गुप्ता, दिनेश हरभजनका, भूपेंद्र सिंह, राजेंद्र राठौर, सतीश राजवानी, प्रकाश तल्लेरा, गोविंद खंडेलवाल, जितेंद्र अग्रवाल, हराजीलाल मालवीय, मुकेश हरभजनका, राम सिंह, अजय खंडेलवाल, अर्जुन यादव, अर्जुन जी, दिनेश जी और कुतुब फातमी समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, समाजसेवक और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ गणमान्यों का शुभागमन हुआ।