शिक्षा में बदलाव की प्रक्रिया आरंभ हो गई है- कोठारी
शिक्षा के विविध आयाम : एक संवाद में हुआ चिंतन मनन
उज्जैन। शिक्षा सरकार की बपौती नहीं है शिक्षा का सरोकार सीधे-सीधे जनता से समाज से है। शिक्षा कैसी हो यह तय करना समाज का कार्य है न कि सरकार का। सरकार तो व्यवस्था के कार्यों के लिए होती है। शिक्षा को स्वायंत्र होना चाहिए। वर्तमान समय में शिक्षा में बदलाव की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। अंधेरा है यह कहने की बजाए हम दीप जलाना आरंभ करें। समस्या के बजाय हम समाधान की चर्चा करें।
यह उद्गार शिक्षा उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने लोकमान्य तिलक परिसर में एक संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए। न्यास द्वारा शिक्षा के विविध आयाम विषय पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी संजय गोयल ने की। आरंभ में विषय प्रवर्तन करते हुए न्यास के प्रांतीय संयोजक अशोक कड़ेल ने कहा कि विविध आयाम एक संवाद में हम चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास, मूल्य आधारित शिक्षा, वैदिक गणित, पर्यावरण शिक्षा, शिक्षा और स्वायत्ता, भारतीय भाषा अभिनय, भारतीय भाषा मंच, शिक्षक शिक्षा, प्रतियोगी परिक्षाएं, शिक्षा आयोग एवं शिक्षा नीति एवं प्रबंधन शिक्षा विषयों पर चिंतन मनन करेंगे। संचालन भरत व्यास ने किया एवं आभार डॉ. राममोहन शुक्ल ने माना।