प्रधानमंत्री बीमा योजना में अधिक से अधिक ऋणी कृषकों को जोड़ें -कलेक्टर
उज्जैन। रबी फसल की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का यह प्रथम वर्ष है। पुरानी योजना समाप्त हो गई है। नई योजना लागू करना एक चुनौती है। इसके लिये हमने एक रणनीति बनाई है। सहकारिता के ऋणी किसानों का कम पंजीयन हुआ है। आगामी 10 जनवरी तक 45 हजार किसानों को प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत कवर किया जाना है। पहले ऋणी किसानों का बीमा करें, उसके बाद अऋणी कृषकों का बीमा किया जाये। प्रत्येक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी 500-500 अऋणी किसानों का लक्ष्य लेकर उनको फसल बीमा के दायरे में लाये। इसी तरह ग्रामीण उद्यानिकी अधिकारी भी अऋणी कृषकों को बीमित करवायें। सभी बैंकों को 10 जनवरी तक बीमा की प्रीमियम बीमा कंपनी को अनिवार्य रूप से जमा करवाना है। किसानों की ताकत फसल बीमा में है, इसलिये सभी कृषकों के शत-प्रतिशत रकबे का प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना के अन्तर्गत् बीमा किया जाना आवश्यक है। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने यह बात आज पॉलीटेक्निक कॉलेज में प्रधानमंत्री कृषि बीमा (रबी फसल) पर आयोजित एक कार्यशाला में कही। कार्यशाला में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, सहकारी केन्द्रीय बैंकों के मैनेजर, बीमा कंपनी के अधिकारी, अपर कलेक्टर श्री जयन्त जोशी, उपायुक्त सहकारिता श्री मनोज जायसवाल, एलडीएम श्री राजेन्द्र तिवारी, उप संचालक कृषि श्री एसके शर्मा मौजूद थे।
सभी वरिष्ठ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश
कलेक्टर ने किसान मित्र योजना का क्रियान्वयन ठीक से नहीं करने पर जिले के सभी विकास खण्डों में पदस्थ वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकने के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश उप संचालक कृषि को दिये हैं। कलेक्टर ने मिट्टी परीक्षण एवं सॉईल हेल्थ कार्ड बनाने की प्रगति पर भी असंतोष व्यक्त किया। कलेक्टर ने कहा कि जिले में 12 से 13 मोबाइल लैब चलाई जा रही है, उसके बाद भी परिणाम अनुकूल नहीं आ रहे हैं। कलेक्टर ने कार्य नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने की चेतावनी दी।
10 जनवरी तक फसल का बीमा करवा सकते हैं किसान
रबी फसल के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। इसका कार्य एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड को दिया गया है। जिले में ऋणी कृषकों का फसल बीमा तो बैंकों द्वारा कराया जा रहा है, किन्तु कई अऋणी कृषक फसल बीमा योजना से वंचित रह जाते हैं। कलेक्टर ने ऐसे सभी अऋणी कृषकों का बीमा कराने के लक्ष्य ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों एवं ग्रामीण उद्यानिकी अधिकारियों को दिये गये हैं। साथ ही कृषकों का आव्हान किया है कि वे स्वयं आगे आकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लें। इसके लिये अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि एवं उद्यानिकी अधिकारियों से सम्पर्क कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि रबी फसल के लिये मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत टमाटर, प्याज, फूलगोभी, पत्तागोभी, लहसुन, धनिया, आलू व मटर को लिया गया है। इसी तरह गेहूं एवं चना रबी फसल के लिये फसल बीमा योजना में शामिल है। मौसम आधारित बीमे में ओलावृष्टि जोखिम को भी अनिवार्य जोखिम के रूप में शामिल किया गया है। ओलावृष्टि की आपदा होने पर 96 घंटों के भीतर बीमा कंपनी सम्बन्धित क्षेत्र के उद्यान अधिकारी के साथ सर्वे कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।