सभी कार्यालयों में शिकायत पेटी अनिवार्य रूप से लगाई जाये
कलेक्टर ने अन्तर्विभागीय बैठक में दिये निर्देश
उज्जैन। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने जिले के सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने कार्यालयों में शिकायत पेटी अनिवार्य रूप से लगायें तथा यह सुनिश्चित करें कि प्रति सप्ताह प्राप्त होने वाली शिकायतों पर निरन्तर कार्यवाही हो एवं शिकायतों को सूचीबद्ध किया जाये। कलेक्टर ने शिकायत पेटी पर लगाये जाने वाले ताले की एक चाबी विभाग प्रमुख एवं दूसरी चाबी कलेक्टर कार्यालय में संयुक्त कलेक्टर श्री रजनीश श्रीवास्तव को देने के निर्देश दिये हैं, जिससे आकस्मिक रूप से निरीक्षण में शिकायत पेटी को खोला जा सके। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने सोमवार को अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक में विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को परस्पर समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री आशीष सिंह, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रूचिका चौहान, अपर कलेक्टर श्री बसंत कुर्रे, श्री जयन्त जोशी, एडीएम श्री नरेन्द्र सूर्यवंशी, संयुक्त कलेक्टर श्री एसएस रावत, श्री रजनीश श्रीवास्तव, श्री केके रावत, उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ श्री अभिषेक दुबे सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।
प्रत्येक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी 500 अऋणी कृषकों का फसल बीमा करवाये
कलेक्टर ने बैठक में उप संचालक कृषि को निर्देश दिये कि वे रबी फसल में अऋणी कृषकों को अधिक से अधिक बीमा करवायें। इसके लिये प्रत्येक आरएईओ को 500-500 कृषकों का लक्ष्य दिया जाये। जिले में कुल रबी का रकबा चार लाख हेक्टेयर है, इसमें से वर्तमान में साढ़े तीन लाख हेक्टेयर रकबे का बीमा हो चुका है। कलेक्टर ने कहा कि रबी फसल में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अधिक आवश्यक इसलिये है क्योंकि कई बार फसल पक जाने के बाद प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ता है। कलेक्टर ने उप संचालक कृषि को अधिक से अधिक मिट्टी परीक्षण करके किसानों को सॉईल हेल्थ कार्ड जारी करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने बैठक में सभी एसडीएम को निर्देशित किया है कि वे विभिन्न आपराधिक प्रकरणों में मृत्यु शैया पर पड़े व्यक्ति के बयान लेने हेतु तहसीलदार से नीचे के स्तर के अधिकारी को न भेजें एवं बयान की स्थिति में एक घंटे के अन्दर बयान लेने हेतु मजिस्ट्रेट का पहुंचना सुनिश्चित कराया जाये।
निलम्बित अधिकारी-कर्मचारियों की सूची प्रस्तुत करें
कलेक्टर ने जिले के सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि लम्बे समय से निलम्बित चल रहे अधिकारी-कर्मचारियों की 45 दिन के अन्दर विभागीय जांच करना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने लम्बे समय से निलम्बित चल रहे अधिकारी-कर्मचारियों की सूची कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर ने कहा कि निलम्बन के बाद लापरवाही के कारण अधिकारी-कर्मचारी लम्बे समय तक निलम्बित चलते रहते हैं और इस कारण उन्हें 75 प्रतिशत तक वेतन बिना काम किये देना पड़ता है। अत: ऐसे मामले समय-सीमा में समाप्त किये जाना आवश्यक है।