जो बोले सो निहाल के नारों से गूंजा संकुल हॉल
‘अर्पण’ कार्यक्रम के अंतर्गत सजे कवि दरबार में सुनाई दशमगुरू श्री गुरू
गोविंद सिंघ महाराज पर आधारित कविताएं
उज्जैन। गुरूवार रात कालिदास अकादमी स्थित पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल
हाल जो बोले सो निहाल के नारों से गूंज उठा। मौका था सिक्ख पंथ के
दशमगुरू श्री गुरू गोविंद सिंघ महाराज के 350वें महाप्रकाश पर्व के
उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम ‘अर्पण’ के अंतर्गत सजे कवि दरबार का।
पंजाबी साहित्य अकादमी द्वारा राष्ट्रीय सिक्ख संगत के सहयोग से दशमगुरू
के संत-सिपाही स्वरूप पर केन्द्रीत कवि दरबार में कवियों ने जब कविताएं
सुनाई तो श्रोताओं ने उनका हौसला जो बोले सो निहाल कहकर बढ़ाया।
कार्यक्रम संयोजक इकबालसिंह गांधी एवं निदेशक इंद्रजीतसिंह खूनजा के
अनुसार कवि दरबार में कवि अवतारसिंघ तारी अमृतसर, हरभजनसिंघ देओल
नईदिल्ली, दिनेश रघुवंशी फरीदाबाद, मनजीतसिंघ नईदिल्ली, मदनमोहन समर
भोपाल तथा अशोक भाटी उज्जैन ने कविता पाठ किया। अतिथि के रूप में
राष्ट्रीय सिख संगत अध्यक्ष अजीतसिंघ नारंग, राष्ट्रीय सिख संगत मालवा
प्रांत अध्यक्ष इंदरजीतसिंघ खनूजा, खत्री अरोड़वंशीय समाज के संरक्षक ओम
अमरनाथ, राष्ट्रीय सिख संगत के क्षेत्रीय महामंत्री चरणसिंघ गिल, खत्री
अरोड़वंशी समाज अध्यक्ष कूलभूषण जूनेजा, गुरूद्वारा गुरूसिंघ सभा दूधतलाई
अध्यक्ष गुरदीपसिंह जूनेजा, गुरूद्वारा गीता कॉलोनी अध्यक्ष
पुरूषोत्तमसिंघ चावला, फ्रीगंज गुरूद्वारा अध्यक्ष चरणजीतसिंघ कालरा,
गुरूद्वारा पटनीबाजार अध्यक्ष महेन्द्रसिंघ विग, गुरूद्वारा रिंग रोड़
अध्यक्ष विजयवीरसिंघ भाटिया उपस्थित थे। अध्यक्षता सिख समाज अध्यक्ष
सुरेन्द्रसिंघ अरोरा ने की तथा सूत्रधार डॉ. पिलकेन्द्र अरोरा थे। आभार
सिक्ख संगत अध्यक्ष इंद्रजीतसिंह मुटरेजा ने माना।
आज पराग अभ्यंकर देंगे व्याख्यान
कल 30 दिसंबर को शाम 7 बजे पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल हॉल कालिदास
अकादमी में दशमगुरू के संदेशों की प्रासंगिकता विषय पर विशिष्ट व्याख्यान
का आयोजन होगा। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रांत प्रचारक पराग
अभ्यंकर उपस्थित होंगे। अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष सिक्ख संगत चरणसिंघ
गिल करेंगे। सूत्रधार डॉ. बी.एस. मक्कड़ होंगे। यह जानकारी चरणजीतसिंह तथा
सतबीर कालरा ने दी।