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बाल सुरक्षा माह का द्वितीय चरण शुरू


 

बच्चों को विटामिन ‘ए’ की खुराक देकर शुभारम्भ किया गया

उज्जैन 27 दिसम्बर। मंगलवार को ‘बाल सुरक्षा माह’ के द्वितीय चरण का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर अभिभावकों में अपार उत्साह देखा गया। आंगनवाड़ी केन्द्र पर उत्साह का माहौल निर्मित हो गया था। क्षेत्रीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ.निधि व्यास द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र में उपस्थित बच्चों को विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाकर द्वितीय चरण का शुभारम्भ किया गया। बच्चों के अभिभावकों से पोषण आहार के विषय में जानकारी ली गई तथा बच्चों के परिजनों को बच्चों के वजन की लगातार मॉनीटरिंग करने हेतु जानकारी प्रदान की गई। साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यकर्ताओं को भी निर्देश दिये गये। द्वितीय चरण माहभर चलेगा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रदीप व्यास ने बताया कि इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.शशि गुप्ता, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.के.सी.परमार, डॉ.माहीनुर खान, परियोजना अधिकारी श्रीमती झनक सोनाने, जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी दिलीप सिरोहिया, सुश्री शर्मिला दुबे पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास विभाग, ए.पी.एम. दिलीप वासुनिया, जिला आई.ई.सी.सलाहकार अनस कुरैशी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। बाल सुरक्षा माह के दौरान स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से बाल मुत्युदर रोकने के लिये अनेक प्रकार की गतिविधियां की जायेंगी, जिनमे नौ माह से पांच वर्ष तक के समस्त बच्चों को निर्धारित मात्रा में विटामिन ‘ए’ का घोल तथा छह माह से पांच वर्ष के बच्चों को आयरन सीरप वितरण एवं सप्ताह में दो बार एक एमएल पिलाया जाएगा। जिले में कुल लगभग दो लाख 13 हजार 440 बच्चों को बाल सुरक्षा माह के दौरान सेवाएं प्रदान की जायेगी। बाल सुरक्षा माह की सभी गतिवि‍धियां एक माह की अवधि में नियमित टीकाकरण दिवस पर टीकाकरण स्थल पर की जायेगी।

उल्लेखनीय है कि सर्वेक्षणों ने बताया है कि विटामिन ‘ए’ का सम्पूर्ण डोज देने से बाल मृत्युदर में 23 अंको की गिरावट हुई है। छह माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को आई.एफ.ए. (20 एमजी) सिरप का वितरण तथा सप्ताह मे दो बार एक एमएल सिरप देना है। नियमित टीकाकरण मे छूटे बच्चों का टीकाकरण किया जायेगा। मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड (एमसीपी कार्ड) मे 0 से 5 वर्ष तक के समस्त छूटे बच्चों की वृद्धि निगरानी (ग्रोथ चार्ट की निगरानी करना एवं ऐसे बच्चों का उपचार देना, चिकित्सक से परीक्षण करवाना) दर्ज की जायेगी। बाल सुरक्षा माह मे जिला टीकाकरण अधिकारी इसके नोडल अधिकारी होंगे। इस माह के दौरान  आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा छह माह से पांच वर्ष तक के समस्त बच्चों की नामजद सूची तैयार करेंगी एवं उनको विटामिन ‘ए’ के डोज दिये जायेंगे साथ ही  बच्चों की सूची से मिलान करेंगी एवं छूटे बच्चों को विटामिन ‘ए’ का डोज पिलवायेंगी।

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