ईपीएफ और पीपीएफ की इस साल घट सकती है ब्याज दर
शेयर बाजार में जहां एक ओर नीतिगत ब्याज दर में कमी की आहट सुनाई दे रही है, वहीं छोटे निवेशकों और वेतनभोगियों के लिए भी एक बुरी खबर है! विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में रिटायरमेंट सेविंग्स पर ब्याज दर में कमी की जा सकती है.
अंग्रेजी अखबार 'इकोनॉमिक टाइम्स' के मुताबिक, पिछले 6 महीनों में बॉन्ड यील्ड में तेज गिरावट आई है, इसलिए एंप्लॉयज प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) पर इस साल पिछले वर्ष की तरह 8.8 फीसदी ब्याज दर मिलना मुश्किल है. वित्त मंत्रालय पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजना सहित अन्य छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज दरों में कटौती कर सकती है. छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर सरकारी बॉन्ड यील्ड से जुड़ी है, जिसमें मार्च के बाद से 0.60-0.70 फीसदी की गिरावट आई है.
क्या कहना है विश्लेषकों का
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों के बारे में अनुमान लगाने के लिए अंग्रेजी अखबार ने 25 वित्त पेशेवरों से बात की, जिसमें म्यूचुअल फंड मैनेजर, निवेश विश्लेषकों और स्वतंत्र वित्तीय सलाहकार शामिल हैं. इनमें से 84 फीसदी ने कहा कि इस साल ईपीएफ दर में कमी आएगी, वहीं 64 फीसदी का मानना है कि छोटी बचत योजनाओं की दरों में कमी आनी तय है. हालांकि, 32 फीसदी ये मानते हैं कि यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील है, इसलिए सरकार हर तीन महीने पर इनकी दरों की समीक्षा नहीं करेगी.
इसलिए पीएफ पर घटेगी ब्याज दर
ईपीएफ रिटर्न बढ़ाने के लिए एंप्लॉयज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) नए निवेश में से 5 फीसदी रकम अगस्त 2015 से एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में लगा रहा है. इसका मतलब यह भी है कि 95 फीसदी फ्रेश इनफ्लो को मौजूदा ब्याज दरों पर बॉन्ड में लगाया जाएगा. इस मामले में इंडिया लाइफ कैपिटल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अमित गोपाल ने कहा, 'ऐसे में इस साल पीएफ पर ब्याज दर में कमी आनी चाहिए.' इंडिया लाइफ कैपिटल पेंशन फंड्स को लीगल एडवाइजरी सर्विस देती है.