किसानों के लिए अंग्रेजी में योजना : कैसे हों लाभ ?
डॉ. चन्दर सोनाने
राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए अनेक उपयोगी और लाभकारी योजनाएं आरंभ की जाती हैं, किंतु उसका परिणाम आशा के अनुरूप नहीं आ पाता हैं। इसके कारण भी बड़े स्पष्ट हैं। किसान गाँव में रहते हैं। गाँव की शिक्षा की स्थिति हम सब को पता हैं। अभी भी प्रदेश की करीब 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में ही रहती हैं। अनेक किसान निरक्षर हैं, या नाम मात्र के पढ़े लिखे हैं। बहुत कम किसान है जो अंग्रेजी जानते हैं। इसके बाद भी राज्य सरकार की एक योजना आई हैं “स्वाईल हेल्थ कार्ड योजना”। इस योजना में किसानों की मिट्टी का परीक्षण किया जाना हैं। परीक्षण के बाद जो मिट्टी में कमी हैं उसके उपचार के लिए किसानों को सलाह दी जानी हैं। सलाह अपनाकर किसान मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए उसे उपचारित करता हैं। किंतु योजना का नाम ही जब अंग्रेजी में हैं तो प्रश्न यह उठता हैं कि इसका लाभ किसान कैसे ले पाएंगे ?
मध्यप्रदेश के वल्लभ भवन के एसी कक्ष में बैठने वाले वरिष्ठ अधिकारी खेती-किसानी के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं , इसके बावजूद जब कभी कोई योजना किसानों के हित के लिए लागू होती हैं तो वे अंग्रजी में सोचते हैं और अंग्रेजी में ही योजना बनाते हैं । इसलिए उसका नाम भी अंग्रेजी में ही रखा जाता हैं। एक ऐसी ही उक्त योजना राज्य सरकार ने शुरू की हैं। इस नई योजना में किसानों की मिट्टी का परीक्षण करने के लिए मिट्टी के नमूने कृषि विभाग के कर्मचारी लेते हैं। और उसे परीक्षण के लिए मिट्टी परीक्षण केंद्र भेजते हैं। इस प्रयोगशाला में मिट्टी के परीक्षण के आधार पर किसानों को बताया जाता हैं कि मिट्टी में क्या कमी है ? और उसकी पुर्ती के लिए विभिन्न उर्वरक और पोषक तत्वों का उपयोग करने का सुझाव वैज्ञानिक किसानों को देते हैं। इसका पालन करने से किसान अपनी खेती में बेहतर उत्पादन कर सकते हैं। किंतु योजना का नाम अंग्रेजी में होने के कारण प्रदेश के ग्रामीण अंचल में किसानों तक यह योजना पहुंच नहीं पाई हैं। और इसका वास्तविक लाभ किसानों को जैसा मिलना चाहिए, वैसा नहीं मिल पा रहा हैं। इसलिए जरूरत इस बात की हैं कि योजना जिनके लिए बनाई जा रही हैं यह ध्यान रखा जाए और उनके समझ में आने वाली भाषा में ही योजना का नाम भी रखा जाए। ऐसा करने से योजना का वास्तविक लाभ संबंधित ले पाएंगे। अब जरूरत इस बात कि हैं कि इस योजना का नाम तुरंत हिन्दी में किया जाए, ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ ले सकें।
विकासखंड मुख्यालय पर मिट्टी परीक्षण केंद्र होना जरूरी
वर्तमान में प्रदेश के जिला मुख्यालय पर ही मिट्टी परीक्षण हेतु प्रयोगशालाएं हैं, यह पर्याप्त नहीं हैं। न ही किसानों की सुविधा के अनुरूप हैं। किसानों की सुविधा के लिए प्रत्येक विकासखंड मुख्यालय पर मिट्टी परीक्षण केंद्र होना चाहिए । इससे सरलता और सुगमता से संबंधित किसान आसानी से मिट्टी परीक्षण केंद्र पर संपर्क कर सकेंगे और वैज्ञानिक नवीन उपायों की जानकारी प्राप्त कर मिट्टी को उपजाऊ बनाकर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे।