नकली बीज, खाद, कीटनाशक दवाईयाँ बनाने और बेचने वालों के विरूद्ध रासुका के तहत कार्यवाही हों
संदीप कुलश्रेष्ठ
संदीप कुलश्रेष्ठ। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान का यह पुरजोर प्रयास हैं कि खेती लाभ का सौदा हांे। किसानों को उनकी मेहनत का वाजिब दाम मिलें। वें समृद्ध हों । किंतु अनेक कारक हैं ,जिसके कारण किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम नहीं मिल पाता हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नकली बीज, खाद और कीटनाशक दवाईयाँ छापे के दौरान मिली। कुछ पर कार्यवाही भी हुई। आश्चर्य की बात हैं कि निजी विक्रेताओं के साथ-साथ शासकीय वितरण केंद्रों से भी नकली बीज, खाद और दवाईयों का वितरण किया जाना पाया गया । यह और भी दुखद हैं। नकली बीज, खाद और दवाईयाँ बनाने वाले और बेचने वालों के विरूद्ध जब तक सख्त कानून नहीं होगा ,तब तक किसान इसी प्रकार लुटता रहेगा। इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जरूरी हैं ,कि संबधित हर व्यक्ति के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कारवाई की जानी चाहिए।
फेडरेशन आॅफ इंडियन चैंम्बर्स आॅफ कामर्स एंड इंडस्ट्री और टाटा स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट ग्रुप ने मिलकर पिछले दिनों नकली कीटनाशकों को लेकर एक अध्ययन किया । इसमें पाया गया कि देश में 15 से 25 प्रतिशत संभावित फसल कीटों ,खरपतवारों और बीमारी के कारण बरबाद हो जाती हैं। इसका मुख्य कारण यह हैं कि देश में लगभग 40 प्रतिशत नकली कीटनाशकों का उपयोग किया जा रहा हैं। नकली कीटनाशक से न तो कीटों से फसलों की सुरक्षा हो पाती हैं, बल्कि पर्यावरण भी बुरी तरह से प्रभावित होता हैं। उद्योग जगत के एक अनुमान के अनुसार वित वर्श 2014 में बिकने वाले कुल कीटनाशकों का 40 प्रतिशत नकली था। इसका सीधा प्रभाव किसानों पर पड़ता हैं। उसकी फसल बरबाद हो जाती हैं। और वे कर्ज में फंस कर आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
हाल ही में उज्जैन में अमानक बीज और फर्जी टैग लगाकर नकली बीज का बड़ा जखीरा पकड़ा गया। संबंधित के विरूद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई गई। किंतु आश्चर्य की बात हैं कि करीब एक माह बितने के बाद भी अभी तक संबंधित अपराधी पकड़ में नहीं आ पाए हैं। उज्जैन जिले में और प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी इसी प्रकार अमानक बीज विक्रय करते हुए पकड़े गए हैं। किंतु किसी के भी विरूद्ध अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई हैं।
उज्जैन में पिछले दिनों आयोजित सिंहस्थ में पांच करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावनाओं को देखते हुए जिले में ताजी सब्जी की पर्याप्त उपयोगिता हो, इसके लिए सहकारी संस्थाओं के माध्यम से उज्जैन जिले के किसानों को विभिन्न सब्जियों के बीज, खाद और दवाईयाँ वितरित की गई थी। आश्चर्य की बात हैं कि शासकीय संस्थाओं के माध्यम से वितरित उक्त सामग्रियां अमानक पाई गई। इसकी शिकायत उज्जैन जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री भरत पोरवाल द्वारा उच्च स्तर पर की भी गई। कलेक्टर द्वारा शिकायत की जांच भी की जा रही हैं। उद्यानिकी विभाग द्वारा वितरित उक्त बीज, खाद और दवाईयाँ अमानक स्तर की पाई गई । यह अत्यंत दुखद और निंदनीय हैं।
किसानों को उनकी मेहनत का वाजिब दाम मिलंे। खेती लाभ का सौदा हों। किसान खुशहाल हों। इस सब के लिए जरूरी हो देश में सख्त कानून। नकली बीज ,खाद और दवाईयाँ बनाने और बेचने वालों के विरूद्ध सख्त कानून लागू होने से संबंधितों में भय व्याप्त होगा। इसके लिए जरूरी है उच्च स्तर पर देश में प्रधानमंत्री द्वारा और राज्य में मुख्यमंत्री द्वारा ठोस पहल शुरू की जाए।