top header advertisement
Home - आपका ब्लॉग << सड़क बनी नदी: जिम्मेदार बेपरवाह सिंहस्थ में बनी सड़कें पहली बारिश में ही हुई खराब

सड़क बनी नदी: जिम्मेदार बेपरवाह सिंहस्थ में बनी सड़कें पहली बारिश में ही हुई खराब



डाॅ चन्दर सोनाने
 
        हाल ही में सिंहस्थ के दौरान उज्जैन में नगर निगम , लोक निर्माण विभाग, मप्र राज्य सड़क विकास निगम और सेतु निगम ने करोडो रूपयों की लागत से सडकों का  जाल बिछाया था। किंतु ये सड़के पहली बारिश में ही जगह जगह खराब दिखाई दे रही हैं। स्पश्ट है कि सिंहस्थ के दौरान संबंधित विभागों ने गुणवत्ता की ओर ध्यान नहीं दिया। इसके परिणाम सिंहस्थ की पहली बारिश में ही यत्र - तत्र दिखाई दे रहे हैं।
        नगर निगम, लोक निर्माण विभाग और मप्र राज्य सडक विकास निगम ने सिंहस्थ के दौरान उज्जैन शहर में सडकें , इनर रिंग रोड और आउटर रिंग रोड बनाया था। सेतु निगम ने अनेक पुलों का निर्माण भी किया था । इन पुलों की सड़के और एप्रोच रोड पहली बारिश में ही दम तोडती हुई दिखाई दे रही हैं। अधिकारियों द्वारा यह दावा किया जा रहा था कि सिंहस्थ में सब काम गुणवत्ता पूर्वक किए जा रहे हैं। किंतु इन दावों की हकीकत की पोल पहली बारिश ने ही खोल दी हैं। 
        संभागायुक्त डाॅ. रवीन्द्र पस्तोर ने यह दावा किया था कि सिंहस्थ के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा किए जाने वाले कार्यो की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी इंस्पेंक्शन करवाया जाएगा । इसके बाद ही संबंधित ठेकेदार को भुगतान किया जाएगा। किंतु इस दावे की हकीकत पहली बारिश में ही सामने आ गई हैं। सड़क और पुल पुलिया निर्माण में लगे किसी भी विभाग द्वारा पूर्ण गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं किया गया। थर्ड पार्टी द्वारा किए जाने वाले इंस्पेक्शन पर भी सवालिया निशान लग गया हैं। 
        विभिन्न विभागों द्वारा बनाई गई सड़कों पर पानी के प्राकृतिक बहाव की ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया हैं। यह हाल ही में हुई वर्षा में स्पष्ट हो गया हैं। चामुंडा माता मंदिर चैराहे ने बारिश में नदी का रूप ले लिया है। यहां पर पानी की निकासी की कोई भी उचित व्यवस्था नहीं होने से नागरिक परेशान होते रहे। रेलवे स्टेशन के पीछे माधवनगर से बाहर आते ही सड़क तालाब का रूप लेती हुई दिखाई दे रही हैं। यहां भी पानी की निकासी के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। पहले बारिश के दिनों में पुराने शहर में ही सड़कें नदी बन जाया करता थी। अब नया उजैन शहर भी अधिकारियों की मेहरबानी से इसकी चपेट में आ गया हें। और भी अनेक सडके हैं, जहां बारिश होने पर वहां पानी भर जाता हैं। पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण यह अप्रिय स्थिति बन रही हैं। 
         जिले के प्रभारी एवं सिंहस्थ मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह को चाहिए कि वे इस संबंध में विस्तृत जांच करवाएं तथा अभी ग्यारंटी पीरीयड में होने के कारण सड़को की मरम्मत करवाने के निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारी को देंवे। संभागायुक्त डाॅ. रवीन्द्र पस्तोर से भी अपेक्षा हैं कि वे इस दिशा में ध्यान देकर नागरिकों की समस्या से उन्हें निजात दिलाएंगे।

 

 

Leave a reply