विधायकों पर होगी सख्ती, सत्र में गैरहाजिर रहे तो नहीं मिलेगा भत्ता
भोपाल : सत्र के दौरान विधानसभा से गैरहाजिर रहने वाले विधायकों को अब विधानसभा भत्ता नहीं मिलेगा। यह व्यवस्था विधानसभा के मानसून सत्र से लागू होगी। इस प्रस्ताव को एक-दो दिन में विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सीतासरन शर्मा की स्वीकृति के बाद संसदीय कार्य विभाग को भेजा जाएगा, ताकि सरकार की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जा सके।
विधायकों को वर्तमान में 1500 रुपए प्रतिदिन विधानसभा भत्ता मिलता है। मानसून सत्र से यह 2000 रुपए प्रतिदिन किया जाना प्रस्तावित है। भत्ते में कटौती का कदम विधानसभा ने विधायकों की सत्र के दौरान सदन से गैरहाजिर रहने की परंपरा को रोकने के लिए उठाया है। पिछले बजट सत्र के दौरान एक मौका ऐसा आया जब सदन का कोरम ही पूरा नहीं हो पाया और कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी। इससे पहले के सत्रों में भी ऐसी स्थिति बन चुकी है। इसके बाद विधानसभा की वेतन भत्ता निर्धारण समिति ने विधायकों के गैरहाजिर रहने पर उन्हें दैनिक भत्ता नहीं दिए जाने की सिफारिश की थी।
संसद के बाद और उड़ीसा विधानसभा में भी हो चुकी है यह पहल
पार्लियामेंट में सांसदों के गैरहाजिर रहने पर उन्हें मिलने वाले दैनिक भत्ता बंद किए जाने के बाद उड़ीसा की विधानसभा में भी इसे लागू किया जा चुका है। इसके बाद मध्यप्रदेश की विधानसभा इस भत्ते को बंद करने जा रही है।
अभी यह व्यवस्था
विधानसभा में फिलहाल 1500 रुपए हर विधायक को दैनिक भत्ते के रूप में मिलते हैं। सप्ताह में एक दिन की उपस्थिति को आधार मानकर उन्हें पूरे हफ्ते के भत्ते का भुगतान कर दिया जाता है।
अब ये होगा
अब विधायक जिस दिन सदन में उपस्थित रहेंगे उन्हें उस दिन का ही भत्ता दिया जाएगा। सदन में दैनिक हस्ताक्षर न होने पर उन्हें भत्ते का पूरा भुगतान नहीं किया जाएगा।